उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘नक्सलवाद को समाप्त करना राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी है... मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि झारखंड में नक्सल-रोधी अभियानों के लिए सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के एवज में राज्य सरकार पर बकाया 13,299.69 करोड़ रुपए की राशि को पूरी तरह माफ किया जाए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गठन से लेकर अब तक झारखंड नक्सलवाद प्रभावित राज्य रहा है और नक्सल-रोधी अभियानों में 400 से अधिक पुलिसकर्मी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपेक्षा करता हूं कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद की भावना के तहत सकारात्मक रवैया अपनाते हुए इस राशि को माफ करेगी।
मुख्यमंत्री ने धन की कमी के कारण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य के सामने आने वाली कई चुनौतियों का हवाला दिया। पत्र में उल्लेख किया गया कि कोविड-19 महामारी के बाद राज्य सरकार आर्थिक पुनरुद्धार, आपदाओं से निपटने और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में लगी हुई है। सीमित संसाधनों के कारण राज्य पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ गया है। ऐसे में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के ऐवज में लंबित राशि का भुगतान करने से राज्य सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा जिसके परिणामस्वरूप विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।’’
सोरेन ने कहा कि वर्ष 2000 में अपने गठन के बाद से ही झारखंड नक्सलवाद प्रभावित राज्य रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन अभियान में राज्य सरकार उपलब्ध संसाधनों और सीआरपीएफ की मदद से अभियान चला रही है। सोरेन ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप राज्य में नक्सलवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है। भाषा Edited by : Sudhir Sharma
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