बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार-
मङ्गलेन केतुसंयुक्ते क्रूरभावे च संस्थिते।
यन्त्रविघ्नं, अग्निहेतुं, प्राणहानिं च दर्शयेत्॥
शास्त्रों में मंगल को यंत्रों, इंजन और ऊर्जा का कारक बताया गया है, जबकि केतु उन्हें दिशाहीन, अनियंत्रित और अंध गति प्रदान करता है। मंगल युद्द और केतु मोक्ष को प्रदान करता है।
ज्योतिष मान्यता के अनुसार कभी भी राहुकाल में यात्रा, पूजा और कोई मांगलिक कार्य नहीं करते हैं, लेकिन अहमदाबाद प्लैन ने जब उड़ान भरी तब राहुकाल प्रारंभ होने वाला था। पंचांग अनुसार 12 जून को फ्लाइट नंबर AI-171 ने दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे ये भीषण हादसा हो गया। इस दिन राहुकाल का समय राहुकाल 14:04 से 15:48 तक था। राहुकाल को शास्त्रों में सर्वाधिक दोषयुक्त काल माना गया है। यह भ्रम, विघ्न और आकस्मिक बाधाओं से भरा होता है।
'राहुकाले यन्त्रकर्म निषिद्धं, न वैमानिकं न यानकं, विनाशं सूचयति'
अर्थात: राहु काल में यंत्रों से जुड़ा कोई भी कार्य करना वर्जित है। विशेषतः उड़ान (विमान) या अन्य गतिशील वाहन का प्रयोग इस समय नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह काल दुर्घटना या विनाश का संकेत देता है।
ज्योतिषियों का मानना है कि पंचांग में 7 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच कार्तिक माह में पुन: 5 मंगलवार होने, 21 अक्टूबर को भौमवती अमावस्या होने के कारण विश्व में कहीं पर भी हवाई दुर्घटना, प्लेन हाईजैक, आतंकवादी घटना और युद्धोन्मादि घटनाएं घटित होने की संभावना है। इसी दौरान किसी देश या विश्व के प्रमुख नेता के लिए यह समय अष्टिकारक साबित होगा, यानी किसी बड़े नेता की मौत होगी।
गौरतलब है कि ज्योतिष मान्यता के अनुसार पहले इस तरह के योग 1989 जुलाई 24 से सितंबर 9 तक बने थे। खप्पर योग और मंगल और केतु का सिंह राशि में केतु के साथ संबंध बना था। मंगल का 7 दिन पहले से ही असर प्रारंभ हो जाता है। इसी के चलते यूनाइटेड एयरलाइंस (UAL) फ्लाइट नंबर 232 का 19 जुलाई 1989 को डेनमार्क से शिकागो के बीच इंजन फैल हो गया था जिसमें सवार 296 लोगों में से 1161 लोगों की मृत्यु हुई, 47 गंभीर रूप से घायल हुए, और 125 को मामूली चोटें आईं।
इसी तरह कोरियन एयर फ़्लाइट 803, एक डीसी-10 फ़्लाइट थी, जो 27 जुलाई 1989 को लीबिया के त्रिपोली में उतरने की कोशिश करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में सवार 199 यात्रियों और चालक दल में से 75 लोग मारे गए, और ज़मीन पर मौजूद 4 अन्य लोग भी मारे गए। इसके बाद पार्टनेयर फ्लाइट 394 एक चार्टर्ड फ्लाइट थी जो 8 सितंबर 1989 को डेनमार्क के तट पर, हर्टशाल्स के उत्तर में 18 किलोमीटर (10 समुद्री मील) दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसमे 5 चालक सहित 55 यात्री मारे गए थे।
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