नई दिल्ली: सरकार ने जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) में बड़े बदलाव किए हैं, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे। ये बदलाव आम आदमी, किसानों और खासतौर पर गांव की महिलाओं के लिए राहत लेकर आएंगे। अब जीएसटी के चार स्लैब्स (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर सिर्फ दो स्लैब्स – 5% और 18% – कर दिया गया है। कुछ लग्जरी आइटम्स पर 40% का स्पेशल स्लैब रखा गया है। ये बदलाव अमेरिकी टैरिफ्स के असर को कम करने और घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए किए गए हैं। लेकिन गांव की महिलाओं पर इसका क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं।
गांव की महिलाओं पर जीएसटी का असरगांवों में ज्यादातर महिलाएं खेतीबाड़ी, डेयरी फार्मिंग या छोटे-मोटे कारोबार से जुड़ी होती हैं। नए जीएसटी रेट्स से कृषि उपकरणों पर टैक्स 12% से घटकर 5% हो गया है, जैसे ट्रैक्टर के पार्ट्स, हाइड्रॉलिक पंप और डीजल इंजन। इससे महिलाओं को खेती में इस्तेमाल होने वाली चीजें सस्ती मिलेंगी, जो उनकी रोजमर्रा की कमाई को बढ़ाएंगी। डेयरी प्रोडक्ट्स पर भी टैक्स कम होने से दूध, दही जैसी चीजों की कीमतें नीचे आएंगी, जो ग्रामीण महिलाओं के लिए बड़ा फायदा है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे करीब 8 करोड़ डेयरी किसानों को लाभ होगा, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। छोटे कारोबार चलाने वाली महिलाओं को जीएसटी की ऑनलाइन कंप्लायंस में दिक्कत आ सकती है, क्योंकि गांवों में डिजिटल सुविधाएं कम हैं। असम के बराक वैली जैसे इलाकों में महिलाओं को जीएसटी के नए नियम समझने और अपनाने में मुश्किल हो रही है। फिर भी, कुल मिलाकर ये बदलाव महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएंगे, क्योंकि रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे साबुन, दवाइयां और छोटी कारें सस्ती हो गई हैं।
5 साल बाद संभावित बचत का कैलकुलेशनमान लीजिए एक ग्रामीण महिला हर महीने 5,000 रुपये की कृषि और घरेलू जरूरत की चीजें खरीदती है, जिन पर पहले औसतन 12% जीएसटी लगता था। नए रेट्स से ये टैक्स घटकर 5% हो गया है। तो महीने की बचत होगी: (5,000 x 12%) – (5,000 x 5%) = 600 – 250 = 350 रुपये। सालाना ये बचत 350 x 12 = 4,200 रुपये हो जाती है। अब 5 साल में कुल बचत: 4,200 x 5 = 21,000 रुपये। ये कैलकुलेशन अनुमानित है और वास्तविक बचत महंगाई, खपत और क्षेत्र के आधार पर बदल सकती है। लेकिन ये दिखाता है कि लंबे समय में ये बदलाव महिलाओं की जेब को कितना मजबूत बना सकते हैं।
ये जीएसटी सुधार न सिर्फ आर्थिक राहत देंगे, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने में भी मदद करेंगे। सरकार का कहना है कि ये बदलाव मिडिल क्लास, महिलाओं और युवाओं के लिए फायदेमंद हैं।
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