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11वीं की छात्रा की रहस्यमयी मौत से सनसनी, हिचकियों के बाद नाक से बहा खून

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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शुक्रवार को एक हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। लखपेड़ाबाग के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में कक्षा 11 की एक होनहार छात्रा, नंदिनी वर्मा, अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। स्कूल प्रशासन ने तुरंत उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना ने न केवल नंदिनी के परिवार, बल्कि पूरे स्कूल और आसपास के समुदाय को सदमे में डाल दिया। नंदिनी की अचानक मृत्यु ने कई सवाल छोड़ दिए हैं, और स्कूल में पढ़ने वाले अन्य छात्रों के अभिभावकों में भी चिंता की लहर दौड़ गई है।

घटना का दर्दनाक विवरण

नंदिनी, जो टिकैतनगर थाना क्षेत्र के नियामतगंज गांव की रहने वाली थी, अपनी दो बहनों, सुधा और सविता, के साथ बाराबंकी के श्रावस्ती नगर में रहकर पढ़ाई करती थी। 16 साल की नंदिनी अपनी पढ़ाई में मेधावी थी और हाईस्कूल में कॉलेज में तीसरी रैंक हासिल की थी। उसकी सहेलियों के अनुसार, उस दिन दोपहर में वह कक्षा में अपने दोस्तों के साथ खाना खा रही थी। तभी उसे बार-बार हिचकियां शुरू हुईं। उसने अपनी सहेलियों को बताया कि उसे तबीयत खराब लग रही है, लेकिन यह कोई नई बात नहीं थी, क्योंकि उसे पहले भी ऐसी समस्या होती थी। सहेलियों ने उसे आराम करने की सलाह दी, लेकिन अचानक वह घुटनों के बल जमीन पर गिर पड़ी।

स्कूल और अस्पताल की त्वरित कार्रवाई

नंदिनी के गिरते ही स्कूल में हड़कंप मच गया। शिक्षकों और कर्मचारियों ने बिना देरी किए उसे स्कूल के वाहन से जिला अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की। लेकिन रास्ते में ही उसकी नाक से खून बहने लगा, और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित किया। स्कूल प्रशासन ने तुरंत नंदिनी के परिजनों को सूचना दी, जो अस्पताल पहुंचे। गहरे सदमे में डूबे परिजनों ने पोस्टमॉर्टम से इंकार कर दिया और शव को अपने गांव ले गए। इस पूरी घटना को स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों ने भी रिकॉर्ड किया, जिससे घटना का क्रम स्पष्ट हो सका।

नंदिनी: एक सपने देखने वाली होनहार छात्रा

नंदिनी की शिक्षिका, सरिता वर्मा, ने बताया कि वह न केवल पढ़ाई में अव्वल थी, बल्कि उसका व्यवहार भी बेहद मिलनसार और हंसमुख था। वह गायन की शौकीन थी और अक्सर अपनी सहेलियों के साथ अंताक्षरी खेलती थी। नंदिनी का सपना था कि वह बड़ी होकर एनडीए में शामिल होकर देश की सेवा करे। उसकी सहेलियां आज भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रही हैं कि वह अब उनके बीच नहीं है। “वह हमेशा हमारी मदद करती थी। उसकी हंसी और गाने आज भी हमारे कानों में गूंज रहे हैं,” एक सहेली ने आंसुओं के साथ कहा।

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