नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में शुमार ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है, जो खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। अगर आप भी ICICI बैंक में खाता खोलने की सोच रहे हैं, तो अब आपको पहले से कहीं ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। बैंक ने अपने सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस की सीमा को 5 गुना तक बढ़ा दिया है, जिससे गरीबों के लिए खाता खोलना अब और मुश्किल हो गया है।
शहरों में मिनिमम बैलेंस अब ₹50,000ICICI बैंक ने शहरों में रहने वाले ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की राशि को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया है। यह नया नियम 1 अगस्त, 2025 से लागू हो चुका है। यानी, अब नए और पुराने सभी ग्राहकों को अपने सेविंग अकाउंट में कम से कम ₹50,000 रखना अनिवार्य होगा। यह राशि देश के किसी भी बड़े बैंक में मिनिमम बैलेंस की तुलना में सबसे ज्यादा है। दूसरी तरफ, देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने तो 2020 में ही मिनिमम बैलेंस का नियम ही खत्म कर दिया था।
छोटे शहरों और गांवों में भी बढ़ी मुश्किलेंICICI बैंक ने सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी मिनिमम बैलेंस की सीमा बढ़ा दी है। अब छोटे शहरों में ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम ₹25,000 रखना होगा, जो पहले सिर्फ ₹5,000 था। वहीं, गांवों में मिनिमम बैलेंस की राशि ₹2,500 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है। इस बदलाव से ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों के लिए बैंकिंग और महंगी हो गई है।
HDFC बैंक से ICICI बैंक की तुलनाज्यादातर बैंक मिनिमम बैलेंस इसलिए रखते हैं ताकि वे अपने ऑपरेशन्स और निवेश को सुचारू रूप से चला सकें। अगर खाते में मिनिमम बैलेंस से कम राशि होती है, तो बैंक पेनल्टी वसूलता है। लेकिन दूसरे बैंकों में यह राशि आमतौर पर ₹2,000 से ₹10,000 के बीच होती है। उदाहरण के लिए, देश के एक और बड़े प्राइवेट बैंक HDFC बैंक में मिनिमम बैलेंस शहरों में ₹10,000, छोटे शहरों में ₹5,000 और गांवों में ₹2,500 है। ICICI बैंक का यह कदम साफ तौर पर बाकी बैंकों से अलग है।
क्या ICICI बैंक अब सिर्फ अमीरों का बैंक बनना चाहता है?एक बड़े बैंकर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “ICICI बैंक का यह कदम दिखाता है कि अब वह अमीर ग्राहकों पर ज्यादा फोकस कर रहा है। बैंक चाहता है कि उसके ग्राहक ऐसी सेवाओं का लाभ लें, जिनसे उसे ज्यादा मुनाफा हो, जैसे कि इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड या ब्रोकरेज सर्विसेज। कम मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहक बैंक के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होते।” उनका मानना है कि ऊंचा मिनिमम बैलेंस रखकर बैंक उन ग्राहकों को आकर्षित करना चाहता है, जो महंगी सेवाएं खरीद सकते हैं।
अमीर-गरीब का बढ़ता फासलाICICI बैंक के प्रवक्ता ने मिनिमम बैलेंस बढ़ाने की वजह साफ नहीं की है। लेकिन जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, वैसे-वैसे अमीर और गरीब के बीच का अंतर भी बढ़ता जा रहा है। इस वजह से बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां अमीर ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश में हैं। आजकल बैंकों को न सिर्फ एक-दूसरे से, बल्कि म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज और प्राइवेट इक्विटी फंड्स से भी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। ये सभी अमीर ग्राहकों को लुभाने में जुटे हैं।
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