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बिना दवा के बुखार को करें कंट्रोल,घर पर अपनाएं ये 5 असरदार नुस्खे!

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बुखार कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह शरीर में किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। सामान्य शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फ़ारेनहाइट होता है, लेकिन जब यह तापमान 104 डिग्री से ऊपर चला जाता है, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। बुखार के साथ पसीना, सूखा मुँह, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सिरदर्द, घबराहट और कंपकंपी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यह न केवल शारीरिक परेशानी का कारण बनता है, बल्कि रोजमर्रा के कामकाज को भी प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कि बुखार के कारण क्या हैं और इसे घर पर कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।

बुखार के कारण: क्या कहता है शरीर?

बुखार कई कारणों से हो सकता है। यह पीलिया, मलेरिया, डेंगू, हीट स्ट्रोक या वायरल इन्फेक्शन का परिणाम हो सकता है। इसके अलावा, अत्यधिक शारीरिक श्रम, अनियमित खानपान, या तनाव भी बुखार का कारण बन सकता है। जब शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है, तो यह रोग प्रतिरोधक क्षमता का संकेत हो सकता है कि शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा है। लेकिन अगर बुखार लंबे समय तक बना रहे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

घरेलू उपायों से बुखार पर काबू

हालांकि बुखार होने पर डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी हैं जो बुखार को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय न केवल सरल हैं, बल्कि आसानी से उपलब्ध सामग्री के साथ किए जा सकते हैं।

1. हाइड्रेशन है जरूरी

बुखार के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है। पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी, या ओआरएस (Oral Rehydration Solution) पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। यह पसीने और बुखार के कारण होने वाली कमजोरी को कम करता है। गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीना भी फायदेमंद हो सकता है।

2. ठंडे पानी की पट्टियाँ

बुखार को कम करने का सबसे पुराना और प्रभावी तरीका है ठंडे पानी की पट्टियों का उपयोग। एक साफ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर माथे और शरीर के अन्य हिस्सों पर रखें। इससे शरीर का तापमान कम करने में मदद मिलती है। ध्यान रखें कि पानी बहुत ठंडा न हो, क्योंकि इससे कंपकंपी बढ़ सकती है।

3. हल्का और पौष्टिक भोजन

बुखार में भूख कम लगती है, लेकिन शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। हल्का और सुपाच्य भोजन जैसे खिचड़ी, सूप, या दलिया खाएं। अदरक और तुलसी की चाय न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह बुखार को कम करने में भी मदद करती है।

4. आराम है सबसे जरूरी

बुखार के दौरान शरीर को पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। अधिक शारीरिक श्रम से बचें और नींद को प्राथमिकता दें। यह शरीर को जल्दी ठीक होने में मदद करता है।

कब जाएँ डॉक्टर के पास?

अगर बुखार 48 घंटे से अधिक समय तक बना रहे या 104 डिग्री फ़ारेनहाइट से ऊपर चला जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर कुछ जरूरी टेस्ट के बाद सही दवाएँ सुझाएंगे, जो बुखार के मूल कारण को ठीक करने में मदद करेंगी। बिना डॉ nghiền

दवाओं का सही उपयोग

कई लोग बुखार होने पर पेरासिटामोल या अन्य ओवर-द-काउंटर दवाएँ लेते हैं, लेकिन यह हमेशा सही नहीं होता। बुखार का कारण जानने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है। बिना डॉक्टरी सलाह के दवाएँ लेने से बचें, क्योंकि यह स्थिति को और जटिल कर सकता है।

बुखार को हल्के में न लें

बुखार को सामान्य समझकर नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह शरीर में किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। सही जानकारी और सावधानी के साथ बुखार को नियंत्रित किया जा सकता है। घरेलू उपायों के साथ-साथ डॉक्टरी सलाह लें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!

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