नैनीताल, 24 अप्रैल . हाई कोर्ट ने नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्टोन क्रशरों का अवैध खनन एवं भंडारण पर लगाए गए करीब 50 करोड़ से अधिक जुर्माने को माफ कर देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सचिव खनन उत्तराखंड सरकार से कहा कि किस नियम, एक्ट के तहत तत्कालीन जिला अधिकारी ने जुर्माना माफ किया है. कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में कोर्ट को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार चोरलगिया नैनीताल निवासी भुवन पोखरिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वर्ष 2016-17 में नैनीताल के तत्कालीन जिलाधिकारी ने कई स्टोन क्रशरों का अवैध खनन व भंडारण का जुर्माना करीब 50 करोड़ से अधिक रुपया माफ कर दिया. जिला अधिकारी ने उन्ही स्टोन क्रशरों का जुर्माना माफ किया जिन पर जुर्माना करोड़ों में था और जिनका जुर्माना कम था उनका माफ नहीं किया. जब इसकी शिकायत मुख्य सचिव, सचिव खनन से की गई तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और साथ में यह कहा गया कि यह जिलाधिकारी का विशेषाधिकार है.
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/ लता
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