शोध कार्य को केवल डिग्री या प्रकाशन तक सीमित नहीं, बल्कि उसे समाजोपयोगी बनाना चाहिएः प्रो. एचएल वर्मा
रोहतक, 23 अप्रैल . बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में रिसर्च मेथडोलॉजी एवं पब्लिकेशन एथिक्स पर शैक्षणिक प्रशिक्षण बुधवार को सम्पन्न हो गया. इस एक माह के शैक्षणिक कार्यक्रम में देशभर से लगभग दो सौ शोधार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. इस अवसर पर बीएमयू कुलपति प्रो. एचएल वर्मा ने कहा कि शोध केवल अकादमिक अनुष्ठान नहीं है, यह समाज के वास्तविक मुद्दों का समाधान खोजने की प्रक्रिया है. एक अच्छा शोध वही है जो समाज की आवश्यकताओं को समझकर उनके समाधान प्रस्तुत करे. हमें अपने शोध कार्य को केवल डिग्री या प्रकाशन तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसे समाजोपयोगी बनाना चाहिए. नैतिक मूल्यों के साथ किया गया अनुसंधान ही दीर्घकालीन प्रभाव छोड़ता है.
आज आवश्यकता इस बात की है कि युवा शोधार्थी सामाजिक समस्याओं की गहराई में जाकर नये दृष्टिकोणों के साथ समाधान प्रस्तुत करें. डॉ. वर्मा ने आगे कहा कि रिसर्च मेथडोलॉजी एवं पब्लिकेशन एथिक्स जैसे विषयों पर प्रशिक्षण केवल अकादमिक गुणवत्ता को ही नहीं बढ़ाता, बल्कि शोधकर्ता को एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित करता है. उन्होंने प्रतिभागियों को उच्च स्तरीय शोध के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिन विचारों की उत्पत्ति अनुसंधान प्रयोगशालाओं में होती है, वही विचार आगे चलकर नीति निर्धारण, नवाचार और सामाजिक सुधार का आधार बनते हैं. इस अवसर पर डॉ. सुशीला, प्रो. विनोद कुमार, प्रो. नवीन कुमार, प्रो. अरुणा अंचल, प्रो. अरूप गिरी सहित अनेक गणमान्य शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे.
—————
/ अनिल
You may also like
धर्मनगरी हरिद्वार में लग्जरी कार से 110 किलो गौमांस बरामद, एक गिरफ्तार
अक्षय तृतीया पर ज्वेलरी की मांग में हो सकती है 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी
श्मशान में बिना लकड़ियों के जल रही थी चिता, गांववाले भागे-भागे पहुंचे थाने, कहा- गांव में कोई नहीं मरा, फिर… ⤙
Start Your Own Incense Sticks Business: Government Support and High Profit Potential
सज-धज कर पार्लर से लौट रही दुल्हन के साथ हुआ कांड.. मुंह देखता रह गया दूल्हा, सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश ⤙