नई दिल्ली, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन, राजमार्ग निर्माण और परिवहन जैसे क्षेत्रों में कार्यरत 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के देशव्यापी हड़ताल पर जाने की संभावना है। ऐसे में बुधवार, 9 जुलाई को देशभर में एक बार फिर व्यापक स्तर पर सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित हो सकती है।
देशव्यापी हड़ताल का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के एक मंच ने किया है। इससे बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन, राजमार्ग, निर्माण और यहां तक कि विभिन्न राज्यों में राज्य परिवहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सेवाएं बाधित होने की संभावना है। 9 जुलाई को देशभर में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी सरकार की “मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों” के विरोध में देशव्यापी हड़ताल यानी भारत बंद पर जाने की उम्मीद है। इससे देशभर में जरूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
एनएमडीसी लिमिटेड और अन्य गैर-कोयला खनिज, इस्पात, राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के यूनियन नेताओं ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का नोटिस दिया है। इससे पहले श्रमिक संघ मंच ने अपने हालिया बयान में कहा कि मंच ने पिछले वर्ष श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को 17 सूत्री मांगों का एक चार्टर सौंपा था। इसमें कहा गया है कि सरकार पिछले 10 वर्षों से वार्षिक श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं कर रही है और श्रम बल के हितों के विपरीत निर्णय ले रही है।
उल्लेखनीय है कि ट्रेड यूनियनों ने इससे पहले 26 नवंबर, 2020, 28-29 मार्च, 2022 और पिछले साल 16 फरवरी को इसी तरह की देशव्यापी हड़ताल की थी।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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