शिमला, 25 अप्रैल . स्वर्ण आयोग के गठन और अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी के विरोध में सचिवालय के बाहर सड़क पर घंटों चक्का जाम करने वाले देवभूमि क्षत्रिय संगठन व स्वर्ण मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर अब पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है. छोटा शिमला थाना में सभा की प्रदेशाध्यक्ष रुमित ठाकुर समेत अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), 126(2) और 223 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को ये जानकारी दी.
दरअसल यह प्रदर्शन गुरुवार को किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में देवभूमि क्षत्रिय संगठन के सदस्य शामिल हुए. टॉलेंड से सचिवालय तक रोष रैली निकालने के बाद प्रदर्शनकारियों ने छोटा शिमला में मुख्य मार्ग पर बैठकर घंटों तक चक्का जाम कर दिया. इससे ओल्ड बस स्टैंड से लेकर संजौली मार्ग तक यातायात पूरी तरह बाधित हो गया, जिससे आम जनता ख़ास तौर पर स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
प्रदर्शनकारियों के देर शाम तक सड़क पर जमे रहने के चलते वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. ओल्ड बस अड्डे से संजौली जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया जबकि संजौली की ओर जाने वाली बसों को वैकल्पिक मार्ग लक्कड़ बाजार होते हुए भेजना पड़ा. छोटा शिमला की ओर जाने वाले यात्रियों को पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा.
देवभूमि क्षत्रिय सभा का कहना है कि स्वर्ण आयोग गठन की मांग पिछले दो वर्षों से लंबित है. संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने छह महीने में आयोग गठन का आश्वासन दिया था लेकिन अब दो साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. उनका कहना है कि जब अन्य वर्गों के लिए आयोग गठित हो सकते हैं तो स्वर्ण समाज को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है.
गौरतलब है कि इस प्रदर्शन के दौरान न केवल यातायात ठप रहा बल्कि आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ. लोगों को ऑफिस और अन्य जरूरी कामों के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पुलिस प्रशासन अब इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कानूनी कार्रवाई कर रहा है.
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/ उज्जवल शर्मा