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सोनीपत: डीसीआरयूएसटी,शिक्षा और शोध का नया कीर्तिमान

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-2020 के आईएएस टॉपर प्रदीप मलिक ने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा ने मेरी

नींव मजबूत की

सोनीपत, 17 जून (Udaipur Kiran) । दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल ने तकनीकी शिक्षा और शोध में अपनी अमिट छाप छोड़ी

है। 1987 में स्थापित यह संस्थान आज वैश्विक स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है, जिसके

पूर्व विद्यार्थी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से लेकर प्रतिष्ठित कंपनियों तक में

अपनी पहचान बना रहे हैं। कुलगुरु प्रो. श्रीप्रकाश सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नवाचार और शोध को बढ़ावा दे रहा है।

सोनीपत के मुरथल में 1987 में स्थापित

दीनबंधु छोटू राम स्टेट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज, जो 2006 में विश्वविद्यालय बना, आज तकनीकी

शिक्षा का गढ़ है। मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

जैसे कोर्स के साथ शुरू हुआ यह संस्थान अब एम.टेक, एम.एससी., एमबीए, और बी.टेक जैसे

विविध पाठ्यक्रम प्रदान करता है। 2020 के आईएएस टॉपर प्रदीप मलिक, जो इस विश्वविद्यालय

के कंप्यूटर साइंस के पूर्व छात्र का कहना है कहा विश्वविद्यालय की गुणवत्तापरक शिक्षा

ने मेरी नींव मजबूत की। इसी तरह आईपीएस अभिषेक यादव ने भी डीसीआरयूएसटी को अपनी सफलता

का आधार बताया।

कुलगुरु प्रो. सिंह ने मंगलवार काे बताया कि विश्वविद्यालय शोध और उद्यमिता को बढ़ावा देता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत

पाठ्यक्रम डिजाइन किए गए हैं, और शोध पत्र राष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो रहे हैं।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी वैश्विक स्तर की यूनिवर्सिटियों में शोध कर रहे हैं।

2025 में 200 विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट मिला, जिसमें उच्चतम पैकेज 8.5 लाख

रुपये रहा। पहले अमेजन ने 67 लाख रुपये का रिकॉर्ड पैकेज दिया था।

विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक सुविधाएं

जैसे सरस्वती पुस्तकालय (6 लाख ई-रिसोर्सेज), राष्ट्रीय स्तर का स्विमिंग पूल,

1300 क्षमता वाला सभागार, और इंडस्ट्री-एकेडमी लैब मौजूद हैं। छात्रावास, खेल, एनएसएस,

एनसीसी, और इंक्यूबेशन सेंटर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में योगदान देते हैं।

शोधार्थियों को 25 हजार रुपये मासिक स्कॉलरशिप और मेधावी विद्यार्थियों को फीस में

छूट दी जाती है। प्रवेश प्रक्रिया 30 जून तक जारी है। डीसीआरयूएसटी न केवल शिक्षा,

बल्कि मानवतावादी और नैतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देता है, जो इसे विकसित भारत के सपने

का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना

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