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गुरुग्राम: डिजिटल अरेस्ट करके ठगी में एक आरएमपी डॉक्टर, एक प्रोपर्टी डीलर सहित तीन गिरफ्तार

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-मनी लॉन्ड्रिंग के केस की धमकी देते हुए की गई ठगी

-आरोपी डॉक्टर व प्रॉपर्टी डीलर ने साइबर ठगी के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराने में शामिल

गुरुग्राम, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देते हुए डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक आरएमपी डॉक्टर, एक प्रॉपटी्र डीलर समेत तीन लोगों को काबू किया है। आरोपी आरएमपी डॉक्टर व प्रॉपटी्र डीलर ने साइबर ठगी के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराया था।

एक व्यक्ति ने 14 मई 2025 को पुलिस थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में एक शिकायत दी। शिकायत में कहा कि उसके पास एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने स्वयं को संचार विभाग का अधिकारी बताया। उसने कहा कि उसके (पीडि़त) के मोबाइल नंबर का प्रयोग अवैध कामों में हुआ है। जिसके लिए उसके खिलाफ पुलिस थाना कोलाबा मुम्बई में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद उसने किसी पुलिस अधिकारी को कॉल ट्रांसफर कर दी।

उस पुलिस अधिकारी द्वारा बताया गया कि उसका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग में प्रयोग हुआ है। उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया हुआ है। 16 अप्रैल 2025 को फिर से उन्होंने व्हाट्स ऐप पर कॉल कनेक्ट की और कहा कि उसको वीडियो कॉल के माध्यम से अदालत में पेश किया जा रहा है। वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति को जज बताते हुए उससे मीटिंग कराई। उसके खिलाफ वारंट दिखाकर डराते हुए उससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में केस दर्ज करके जांच शुरू की गई।

सहायक पुलिस सहायक साइबर अपराध प्रियांशु दिवान के नेतृत्व में प्रबंधक साइबर थाना अपराध पश्चिम की पुलिस टीम ने तीन आरोपियों को काबू किया। आरोपियों की पहचान आरएमपी डॉक्टर रामचरण निवासी नांगलोई दिल्ली, अभिषेक प्रॉपर्टी डीलर निवासी लखनऊ व शिप्रा जायसवाल निवासी गोरखपुर (उत्तर- प्रदेश) के रूप में हुई।

एक ही बैंक खाते को आगे से आगे कई बार बेचा

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला कि ठगी गई राशि में से दो लाख रुपए आरोपी राजीव झा के खाते में ट्रांसफर हुए थे। राजीव झा ने यह बैंक खाता आरोपी गणेश को 50 हजार रुपए में बेचा था। आरोपी गणेश ने यह बैंक खाता आरोपी मनीष को बेचा थ, जिससे उसे 32 हजार रुपए कमीशन मिला था। आरोपी मनीष ने यह बैंक खाता उपरोक्त आरोपी रामचरण को बेचा, जिससे उसे 58 हजार रुपए कमीशन के रूप में मिले थे। आरोपी रामचरण ने यह बैंक खाता आरोपी अभिषेक को बेचा था, जिससे उसे 20 हजार रुपए कमीशन के मिले थे। आरोपी अभिषेक ने यह बैंक खाता आरोपी महिला शिप्रा जायसवाल को बेचा था, जिससे उसे 15 हजार रुपए कमीशन का मिला था। आरोपी महिला शिप्रा जायसवाल ने यह बैंक खाता किसी अन्य व्यक्ति को बेचा था, जिससे उसे कमीशन के रूप में 30 हजार रुपए मिले थे। पुलिस टीम द्वारा इस केस में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

(Udaipur Kiran)

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