Next Story
Newszop

हिमाचल में 14 से 17 जुलाई तक कुछ इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे अवरुद्ध

Send Push

शिमला, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के अधिकांश भागों में रविवार सुबह से बादल छाए हुए हैं। बीते 24 घंटों में मानसून की रफ्तार कुछ धीमी पड़ने से भारी बारिश में कमी दर्ज की गई है। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई है। जोत में सर्वाधिक 27 मिमी, कुफरी में 24 मिमी, शिमला में 15 मिमी, चौपाल में 13 मिमी और कंडाघाट में 11 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है, लेकिन फिलहाल किसी प्रकार की चेतावनी या अलर्ट जारी नहीं किया गया है। विभाग के अनुसार 14 से 17 जुलाई तक राज्य में एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना है और इस अवधि में कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।

हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। सिरमौर जिले के हरिपुरधार क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में दो वाहन आ गए, लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, जबकि जल शक्ति विभाग का भवन भी खतरे की जद में आ गया है। भूस्खलन से हरिपुरधार-कुपवी मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है। वहीं, मंडी जिले में बीती रात से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग भी भूस्खलन के चलते अवरुद्ध हो गया है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेशभर में भूस्खलन के कारण 200 से अधिक सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां सबसे अधिक मार्ग बाधित हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 300 से ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर और 700 से अधिक पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। मंडी जिले में अकेले 102 ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं और 175 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है, जबकि कांगड़ा जिले में 612 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं और हमीरपुर में 166 ट्रांसफार्मर ठप हैं।

मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में वर्षा जनित हादसों में 95 लोगों की मौत हो चुकी है, 33 लोग लापता हैं और 175 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 21 मौतें मंडी जिले में दर्ज की गई हैं, इसके अलावा कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10, चंबा में 9 और बिलासपुर में 7 लोगों की मौत हुई है।

भारी बारिश और भूस्खलन से राज्य में एक हजार से अधिक मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 185 दुकानें और 785 गौशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं। इसके अलावा 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 953 अन्य पशुओं की मौत हुई है।

प्रदेश में 20 जून से अब तक बादल फटने की 22, फ्लैश फ्लड की 31 और भूस्खलन की 18 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन आपदाओं से हिमाचल को अब तक लगभग 751 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है, जिसमें जल शक्ति विभाग को करीब 408 करोड़ रुपये और लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

—–

(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

Loving Newspoint? Download the app now