रांची, 23 जून (Udaipur Kiran) । स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) की ओर से रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में लगभग 20 हजार प्रतिभशाली बच्चों को सम्मनित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि झारखंड की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जरूरत है ऐसे ही मंचों की जो उन्हें उड़ान दें। उन्होंने पासवा की पहल को झारखंड के शिक्षा आंदोलन की रीढ़ बताया।
छात्र जीवन केवल एक अकादमिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी नींव है जिसपर पूरा भविष्य टिका होता है। उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि हर बच्चा अपनी जगह विशेष है जरूरत है तो बस सही दिशा, मार्गदर्शन और अवसर की। यही इस सम्मान समारोह का उद्देश्य है।
मंत्री ने कहा कि वे अभिभावकों और शिक्षकों का भी आभार व्यक्त करती हैं जिन्होंने विद्यार्थियों की इस यात्रा में चुपचाप लेकिन दृढ़ साथ निभाया है।
पूर्व मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह आयोजन बच्चों के आत्मबल और मूल्यपरक शिक्षा को नई दिशा देने वाला है।
मौके पर डीपीएस मथुरा रोड (नई दिल्ली) के प्राचार्य डॉ राम सिंह, डीएवी कपिलदेव के प्रिंसिपल एमके सिन्हा, राजीव चटर्जी (वासुदेव चटर्जी स्मृति फाउंडेशन), डीएवी बरियातू के प्रिंसिपल एसके मिश्रा, रिम्स की सब डीन एकेडमिक्स डॉ अनुपा प्रसाद, आरपीडीएफ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ सुचितांग्शु चटर्जी, आईसीएआर-आईआईएबी के जॉइंट डायरेक्टर डॉ केके कृष्णानी, डीएवी नंदराज के प्राचार्य एसके तिवारी सहित अन्य उपस्थित थे।
पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वे सभी प्रतिभावान विद्यार्थियों को दिल से बधाई देते हैं जो कठिन परिश्रम से यह सम्मान अर्जित किया है।
उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती पर एक इतिहास रचा गया है। यह केवल पुरस्कारों का नहीं, बल्कि प्रतिभा, परिश्रम और सपनों के सम्मान का आयोजन है। जब तक शिक्षा को पर्व नहीं बनाया जाएगा, तब तक समाज का निर्माण अधूरा रहेगा। पासवा का हर कदम विद्यार्थियों की सफलता के लिए समर्पित है।
वहीं कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने आयोजन में रंग भर दिया।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
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