– ऑनलाइन श्रीमद् भगवद् गीता ज्ञान प्रतियोगिता में इस वर्ष मिलेंगे 70 पुरस्कार
भोपाल, 07 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने कहा कि गीता जयंती पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के प्रदेश में गरिमापूर्ण आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण की जाएं. इसके साथ ही ऑनलाइन श्रीमद् भगवद् गीता ज्ञान प्रतियोगिता में अधिकाधिक भागीदारी के प्रयास किए जाएं.
Chief Minister डॉ. यादव ने यह निर्देश शुक्रवार की शाम अपने निवास कार्यालय समत्व भवन में हुई बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि Madhya Pradesh में 7 से 25 नवंबर की अवधि में ऑनलाइन श्रीमद् भगवद् गीता ज्ञान प्रतियोगिता हो रही है. Madhya Pradesh के 70वें स्थापना वर्ष में इस स्पर्धा में 70 पुरस्कारों का प्रावधान किया गया है. पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 51 हजार रुपये का रहेगा. इसके साथ ही 31 हजार रुपये के तीन तृतीय पुरस्कारों सहित 15 लैपटाप, 30 ई-बाइक और 20 ई-रिक्शा का वितरण भी किया जाएगा. श्रेष्ठ ज्ञान स्तर के लिए प्रतियोगिता में 11 से 25 वर्ष आयु के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप दो वर्ष तक शिक्षावृत्ति देने का प्रावधान भी किया गया है. प्रतियोगिता में नागरिकों, विद्यार्थियों के साथ ही प्रतियोगिता में कारावास के बंदी भी हिस्सा ले सकेंगे. यह ऑनलाइन प्रतियोगिता प्रदेशभर में शिक्षण संस्थानों के सहयोग से आयोजित की जा रही है.
Haryana के कुरूक्षेत्र में सजेंगे Madhya Pradesh के व्यंजनों के स्टॉल
Chief Minister डॉ. यादव ने 24 नवंबर से 1 दिसंबर की अवधि में कुरुक्षेत्र में हो रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 की तैयारी की जानकारी भी प्राप्त की. इस महोत्सव में Madhya Pradesh के आंचलिक और जनजातीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए जाएंगे. इसके साथ ही Madhya Pradesh की जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी की ओर से प्रदर्शनी, मेले और नाट्य समारोह के आयोजन होंगे. नाट्य समारोह में पुनीत इस्सर और मोहित शेवानी मुंबई, शिरीष राजपुरोहित उज्जैन के कार्यक्रमों सहित जनजातीय संग्रहालय के सौजन्य से जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति होगी.
Chief Minister डॉ.यादव ने श्रीकृष्ण पाथेय न्यास, महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ, वीर भारत न्यास सहित उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, गृह, जनसंपर्क, संस्कृति संचालनालय, कृषि उद्योग विकास परिषद New Delhi, इस्कॉन, गीता परिवार और विश्व गीता प्रतिष्ठानम की भागीदारी के संबंध में भी अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि नगरों में गीता भवन और विभिन्न चिन्हित स्थानों पर श्रीकृष्ण पाथेय से संबंधित कार्यों को भी पूर्ण किया जाए. Chief Minister ने उद्योग और रोजगार वर्ष 2025 के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के साथ स्कूल विद्यार्थियों को जोड़कर एक अभिनव कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए.
उज्जैन में 1 से 3 दिसम्बर तक होगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
Chief Minister डॉ. यादव ने उज्जैन में 1 से 3 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए की जा रही तैयारी की भी जानकारी प्राप्त की. इस महोत्सव में ऑनलाइन श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान प्रतियोगिता के पुरस्कृत प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. इस वर्ष प्रतियोगिता में 21 लाख नागरिकों की विशाल भागीदारी का लक्ष्य रखा गया है. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 दिसम्बर को दशहरा मैदान उज्जैन में गीता पाठ और प्रदर्शनी सहित सांगीतिक प्रस्तुति होगी. दूसरे दिन काव्य पाठ और सांगीतिक प्रस्तुति और तीसरे दिन बैंगलोर एवं भोपाल के संगीत दल प्रस्तुति देंगे.
भोपाल में लाल परेड ग्राउंड पर होगा श्रीमद् भगवद् गीता का सस्वर पाठ
भोपाल में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत 1 दिसम्बर को लाल परेड ग्राउण्ड पर आचार्यों की सन्निधि में श्रीमद् भगवद् गीता के 15वें अध्याय का सस्वर पाठ होगा. इसके साथ ही गौ और गोपाल पर आधारित प्रदर्शनी और बैंगलोर के दल द्वारा गीता ऑन व्हील्स सांगीतिक प्रस्तुति होगी. दो दिसम्बर को रवीन्द्र भवन भोपाल के हंसध्वनि सभागार में कृष्णायन की प्रस्तुति के साथ दिव्यांग कलाकार भी कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे.
जिला स्तर पर कार्यक्रमों का स्वरूप
बैठक में जानकारी दी गई कि 1 दिसम्बर को प्रदेश के विकासखंडों में गीता पाठ होंगे. जिला मुख्यालय पर भी आचार्यों की सन्निधि में सस्वर पाठ होंगे. भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े विशेष स्थलों जैसे इंदौर जिले के जानापाव, धार जिले के अमझेरा, उज्जैन जिले के नारायणा, अशोकनगर जिले के चंदेरी, रायसेन जिले के जामगढ़, देवास जिले के पीवडिया-खातेगांव, सागर जिले के प्राचीन नगर एरण और पन्ना जिले में भी विशेष कार्यक्रम होंगे. गीता जयंती पर श्रीकृष्ण मंदिरों की विशेष सज्जा की जाएगी. जिला स्तर पर संतों और विद्वतजनों के व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे. संस्कृति विभाग द्वारा इन सभी कार्यक्रमों की तैयारियां की जा रही है.
विक्रमोत्सव 2026 के आयोजन पर चर्चा
बैठक में विक्रमोत्सव 2026 के आयोजन पर भी चर्चा हुई. विक्रमोत्सव की शुरुआत 15 फरवरी 2026 से होगी और 19 मार्च 2026 तक विभिन्न गतिविधियां होंगी. इसके बाद 19 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यक्रमों और गतिविधियों की जानकारी दी गई. विक्रमोत्सव में मुख्य रूप से अनादि देव शिव की कलाओं का शिवार्चन, कलश यात्रा, प्रदर्शनी, शिव पुराण, विक्रम व्यापार मेला, विक्रम नाट्य समारोह, पुतुल कठपुतली समारोह, अनादि पर्व, शिल्प कार्यशाला, मालवी कलम कार्यशाला, विक्रमादित्य का न्याय वैचारिक समागम, कवि सम्मेलन, लोकरंजन, अनहद वैचारिक समागम, पौराणिक फिल्म अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव, महाकाल पृथ्वी का समय शोध संगोष्ठी, वेद अंताक्षरी, सूर्य उपासना की गतिविधियां होंगी. प्रदेश के जिलों में भी विक्रमोत्सव के कार्यक्रम होंगे.
बैठक में Chief Minister के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
(Udaipur Kiran) तोमर
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