बठिंडा स्थित अखिल Indian आयुर्विज्ञान संस्थान में हुआ आयोजन
हिसार, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) . यहां के लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन ‘यूएनआईस्फेयर 2025–यूनाइटेड इन वन वर्ल्ड, शेयर्ड हेल्थ’ में सम्मानित किया गया है. वैज्ञानिकों ने अखिल Indian आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस), बठिंडा में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया. सम्मेलन का विचारणीय विषय ‘वन हेल्थ दृष्टिकोण से ज़ूनोसिस: चुनौतियां’ नवाचार और अंतर्विभागीय सहयोग’ था. इस कार्यक्रम में देशभर के चिकित्सा, पशु चिकित्सा और कृषि विज्ञान के क्षेत्र से वैज्ञानिकों ने भाग लिया.कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सा महाविद्यालय के वैज्ञानिकों पशु चिकित्सा सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश छाबड़ा, कॉलेज सेंट्रल लैबोरेटरी वैज्ञानिक डॉ. महावीर सिंह व पशु चिकित्सा सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. संजीवना ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया.डॉ. राजेश छाबड़ा ने सम्मेलन में विशेषज्ञ पैनल सदस्य के रूप में भाग लिया, और वन हेल्थ दृष्टिकोण में मौजूदा चुनौतियों, अंतरविभागीय सहयोग की आवश्यकता तथा भविष्य की रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए. डॉ. महावीर सिंह और डॉ. संजीवना ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और दोनों को श्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.डॉ. संजीवना को ‘शूकर रोटावायरस रीकॉम्बिनेशन’ विषय पर उत्कृष्ट शोध के लिए सम्मान मिला. उनके अध्ययन में शूकर रोटावायरस की आनुवंशिक विविधता और मानव रोटावायरस के साथ इसके संबंधों पर प्रकाश डाला गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मनुष्य और सूअरों के घनिष्ठ संपर्क से नए संकर वायरस उत्पन्न हो सकते हैं जो संभावित रूप से ज़ूनोटिक जोखिम बनते हैं.डॉ. महावीर सिंह को उनके शोध कार्य ‘पशु ब्रुसेलोसिस और मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव’ पर प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया. उनके अध्ययन में ब्रुसेलोसिस रोग की पशुओं से मनुष्यों में संचरण की संभावना, सेरोलॉजिकल जांच के निष्कर्ष, और वन हेल्थ दृष्टिकोण से रोग नियंत्रण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया. यह शोध मानव और पशु स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित करता है.कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा ने sunday काे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि लुवास के शोधकर्ता ‘वन हेल्थ’ और बीमारियों पर देश की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं. उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को अंतरविभागीय सहयोगात्मक अनुसंधान को और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य के सर्वांगीण और एकीकृत विकास का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके. पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर (डॉ.) मनोज कुमार रोज ने कहा कि यह पुरस्कार महाविद्यालय के वैज्ञानिकों की मेहनत, समर्पण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की स्वीकृति है. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नीलेश सिंधु ने बताया कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी पशु एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अनुसंधान, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने में अग्रसर रहेगा.
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
You may also like

Pension Scheme : सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत, तय पेंशन में अब नहीं होगी मनमानी

लातों केˈ भूत होते हैं ये 5 लोग, प्यार की भाषा नहीं समझते, इनसे विनम्रता से पेश आना मूर्खता है﹒

झारखंड: पलामू में दो दिन से लापता बच्ची का शव कुएं से बरामद, हत्या की आशंका

संजू सैमसन के बदले रविंद्र जडेजा और ये तगड़ा खिलाड़ी... CSK और RR में तगड़ी डील, ऑक्शन से पहले ही गजब हो गया

जीरो बैलेंस में भी कर पाएंगे कॉल और मैसेज, ये खास फीचर आएगा काम




