नई दिल्ली, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत प्रारंभिक चरण लगभग पूरा हो चुका है। इस चरण में निर्वाचन फॉर्मों का मुद्रण और वितरण संपन्न हो गया है। अब तक 1.69 करोड़ गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जबकि 7.25 प्रतिशत फॉर्म ईसीआई-नेट पर अपलोड किए गए हैं।
चुनाव आयोग ने रविवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर प्रक्रिया 24 जून को जारी निर्देशों के अनुरूप ही संचालित की जा रही हैं और इसमें किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। इन निर्देशों के अनुसार 1 अगस्त को प्रारूप निर्वाचक नामावलियां प्रकाशित होंगी। इनमें केवल उन्हीं व्यक्तियों के नाम सम्मिलित होंगे, जिनके फॉर्म समय पर प्राप्त हुए हैं।
निर्वाचक अपने दस्तावेज 25 जुलाई से पहले कभी भी जमा कर सकते हैं। यदि प्रारूप नामावली के प्रकाशन के बाद किसी दस्तावेज में कमी पाई जाती है, तो संबंधित निर्वाचक से दावा-आपत्ति की अवधि में आवश्यक दस्तावेज लिए जा सकते हैं। आयोग के अनुसार 6 जुलाई 2025 की शाम 6 बजे तक बिहार में 1,69,49,208 गणना फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो राज्य के कुल 7.90 करोड़ नामांकित मतदाताओं का 21.46 प्रतिशत है। बीते 24 घंटे में ही 65,32,663 फॉर्म जमा किए गए हैं। फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि तक अब भी 19 दिन शेष हैं। ईसीआई-नेट ऐप और पोर्टल के माध्यम से अब तक 7.25 प्रतिशत फॉर्म अपलोड किए जा चुके हैं। फॉर्म डाउनलोड के लिए पोर्टल और ऐप पर उपलब्ध हैं, और वहीं से अपलोड भी किए जा सकते हैं।
राज्यभर में 77,895 बीएलओ मतदाताओं के घर-घर जाकर फॉर्म भरवाने और जमा करने का कार्य कर रहे हैं। कई बीएलओ मतदाताओं की लाइव तस्वीरें लेकर उन्हें भी अपलोड कर रहे हैं, जिससे उन्हें फोटो क्लिक कराने में कठिनाई नहीं हो रही।
इसके अतिरिक्त, 20,603 नए बीएलओ नियुक्त किए जा रहे हैं। लगभग 4 लाख स्वयंसेवक, जिनमें सरकारी कर्मचारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस सदस्य आदि शामिल हैं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमारों की सहायता के लिए फील्ड में सक्रिय हैं। वहीं राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में 239 ईआरओ, 963 एईआरओ, 38 डीईओ और मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के प्रतिनिधि कार्यरत हैं। राजनीतिक दलों के 1,54,977 बूथ स्तरीय एजेंट भी इस प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) का उद्देश्य निर्वाचन नामावली को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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