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श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से मनुष्य पाप से मुक्त : व्यास सुरेन्द्र तिवारी

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-जिस रूप में भगवान की भक्ति करोगे उस रूप में भगवान की कृपा प्राप्त होगी : कथा व्यास

प्रयागराज, 16 अप्रैल . परलोक को बनाने के लिए मनुष्य को एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए. श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से मनुष्य के पाप की राशियां समाप्त हो जाती है. उक्त विचार संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा वाचक पं.सुरेन्द्र तिवारी ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया.

बुधवार को मुख्य यजमान सिया दुलारी पत्नी स्व.श्रीकांत शुक्ला एवं भक्तों को ग्राम चाँड़ी टीएसएल नैनी में जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ल, शिवयज्ञ शुक्ल और मुकेश कुमार शुक्ल द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा जिस रूप में भगवान की भक्ति करोगे उस रूप में भगवान की कृपा प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि अपने इंद्रियों को जो बस में कर ले वहीं गोपियां है, सभी गोपियां एक स्वर में कन्हैया को पुकारतीं हैं. भक्ति के कारण ही भगवान कृष्ण के साथ गोकुल वासियों को बैकुंठ के दर्शन का सौभाग्य मिला है.

कथा वाचक सुरेन्द्र तिवारी ने कहा भगवान के जितने अवतार हुए वह सब भारत में हुए. माता-पिता अपने पुत्रों की स्वयं लालन-पालन करते हैं तो पुत्र भी माता-पिता की सेवा करते हैं. जैसा संस्कार देंगे वैसा पालन करेंगें. श्रीमद् भागवत कथा सदमार्ग का मार्ग दिखाती है. लेकिन हमारी जैसे दृष्टि रहेंगी वैसी ही सृष्टि भी हम सब को दिखाई देगीं.

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक आलोक, पूर्व जिलाध्यक्ष शिवदत्त पटेल, डॉ.भगवत पांडेय, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी, ज्ञान सिंह पटेल, राजमणि पासवान, मिथिलेश पांडेय, आनन्द तिवारी, राम मनोहर लोहिया, कमलेश शुक्ल, राकेश शुक्ल, अम्बादत्त शुक्ल, चन्द्र प्रकाश शुक्ल, आनन्द शुक्ल आदि के साथ भारी संख्या में नर-नारी उपस्थित रहे.

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/ विद्याकांत मिश्र

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