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मप्र में अब शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति होगी अनिवार्य, ट्रायल आज से शुरू

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भोपाल, 23 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाज़िरी की बढ़ती शिकायतों के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2025 से अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी, जबकि इसका ट्रायल आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है, जो कि आगामी 30 जून तक चलेगा।

कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?

शिक्षकों को स्कूल पहुंचने के बाद हर एक घंटे में नवीन ई-पोर्टल के ज़रिए अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। छुट्टी के दिन, उपस्थिति तय समय से आधा घंटा पहले या बाद में दर्ज की जा सकेगी। यदि निर्धारित समय के बाद उपस्थिति दर्ज की जाती है, तो शिक्षक का आधा दिन का आकस्मिक अवकाश माना जाएगा।

वेतन और अवकाश पर प्रभाव

देर से उपस्थिति या अनुपस्थित रहने की स्थिति में संबंधित शिक्षकों के वेतन और अवकाश पर असर पड़ेगा। निर्धारित 13 आकस्मिक और 3 ऐच्छिक अवकाश से कटौती की जाएगी। इसके बाद यदि छुट्टी ज़्यादा हो जाती है, तो उसे अतिरिक्त अवकाश या वेतन कटौती के रूप में गिना जाएगा।

इंटरनेट समस्याओं वाले क्षेत्रों में ट्रायल

ट्रायल चरण उन क्षेत्रों में शुरू किया गया है जहां पहले नेटवर्क की दिक्कतें सामने आई थीं। विभाग तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से इन समस्याओं को पहचानकर समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है।

इससे पहले 2017, 2020 और 2022 में भी ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने की कोशिश की गई थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध और तकनीकी बाधाओं के चलते यह कारगर नहीं हो पाई। अब नई प्रणाली को अधिक पारदर्शी और डिजिटल गवर्नेंस के अंतर्गत तैयार किया गया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षकों को अपनी उपस्थिति दर्ज करने के अलावा छुट्टी के लिए आवेदन, वेतन वृद्धि, पेंशन संबंधी सेवाएं और अन्य प्रशासनिक रिकॉर्ड तक डिजिटल पहुंच प्राप्त होगी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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