भोपाल, 10 नवम्बर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh में बालाघाट जिले से कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे पर दो से तीन पेटी रिश्वत मांगने की आरोप लगाने को लेकर विवादों में आए डीएफओ नेहा श्रीवास्तव और अधर गुप्ता को राज्य शासन ने हटा दिया है. इसके साथ चार अन्य वन मंडल अधिकारियों के भी तबादले किए गए हैं. शासन ने यह कार्रवाई इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद और विधायक को क्लीन चिट मिलने पर की है. जांच टीम ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में रिश्वत मांगने का कोई सबूत या गवाहों के बयान में पुष्टि नहीं होने की बात कही है.
वन विभाग द्वारा Monday देर शाम पांचों अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए गए है. Indian वन सेवा के जिन अफसरों का तबादला किया गया है, उनमें वन मंडल अधिकारी उत्तर बालाघाट वन मंडल नेहा श्रीवास्तव को उपवन संरक्षक, Madhya Pradesh राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल में पदस्थ किया गया है. इसी तरह अधर गुप्ता, वन मंडल अधिकारी दक्षिण बालाघाट वन मंडल को उपवन संरक्षक, कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय में पदस्थ किया गया है. निथ्यानंदम एल, वन मंडल अधिकारी पश्चिम मंडला वन मंडल को वन मंडल अधिकारी दक्षिण बालाघाट और सुजीत जे. पाटिल, वन मंडल अधिकारी मुरैना को उपवन संरक्षक, कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय में पदस्थ किया गया है.
वन विभाग द्वारा जारी एक अन्य आदेश में सहायक संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व माधव सिंह मौर्य को प्रभारी वन मंडल अधिकारी पश्चिम मंडला, हरिश्चंद्र बघेल उपवन संरक्षक Madhya Pradesh राज्य वन विकास निगम भोपाल को प्रभारी वन मंडल अधिकारी मुरैना, रेशम सिंह धुर्वे, उप वन मंडल अधिकारी मनासा नीमच को प्रभारी वन मंडल अधिकारी उत्तर बालाघाट पदस्थ किया गया है.
डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ऐसे आई चर्चा मेंयह मामला तब सुर्खियों में आया था. जब दक्षिण सामान्य वन मंडल की डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने 18 अगस्त 2025 को अपने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि विधायक अनुभा मुंजारे ने उनसे “2 से 3 पेटी” की मांग की थी. घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन ने दो सदस्यीय महिला जांच टीम गठित की थी, जिसमें भोपाल से एसीएफ स्तर की अधिकारी कमोलिका मोहंता और बैतूल से सीसीएफ वासू कनौजिया को शामिल किया गया था. टीम ने 12 सितंबर को बालाघाट पहुंचकर विस्तृत जांच की थी. इसमें डीएफओ, अरण्य सदन के कर्मचारी, रसोइया, वाहन चालक, विधायक और उनके स्टाफ सहित कई लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. दूसरी ओर डीएफओ अधर गुप्ता एक टाइगर की मौत के बाद उसके जलाए जाने के मामले को लेकर विवादों में आए थे. शासन ने उनके खिलाफ भी जांच के बाद कार्रवाई की है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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