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ऑपरेशन सिंदूर के बाद चिकन नेक पर बढ़ाई गई चौकसी, क्यों बेहद अहम है यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर

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कोलकाता, 08 मई . पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान की सीमा में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की मिसाइल स्ट्राइक के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के इस जवाबी हमले के बाद एक बार फिर देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर उत्तर बंगाल के ‘चिकन नेक’ क्षेत्र पर है, जिसे सामरिक दृष्टि से भारत की सबसे संवेदनशील भौगोलिक कमज़ोरी माना जाता है.

उत्तर बंगाल के सिलिगुड़ी में स्थित यह संकीर्ण गलियारा ‘सिलिगुड़ी कॉरिडोर’ या ‘चिकन नेक’ के नाम से जाना जाता है. यह भारत के मुख्य भूभाग को उत्तर-पूर्व के सात राज्यों से जोड़ता है. सबसे संकीर्ण हिस्से में इसकी चौड़ाई मात्र 20 किलोमीटर है. इस गलियारे की विशेषता यह है कि यह नेपाल, भूटान और बांग्लादेश—तीनों देशों की सीमाओं के बिल्कुल करीब है. विशेषज्ञों के अनुसार, यही वह क्षेत्र है जिसे निशाना बनाकर भारत को रणनीतिक रूप से अलग-थलग करने की साजिशें रची जाती हैं.

सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर इस क्षेत्र को टारगेट कर सकता है. यही वजह है कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के बाद यहां चौकसी और बढ़ा दी गई है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सीमा पर मादक पदार्थों, हथियारों और नकली नोटों की तस्करी रोकने के लिए पहले से ही विशेष नजर रखी जा रही है, लेकिन अब निगरानी को और कड़ा किया गया है. सीमा की कमजोरियों का फायदा उठाकर आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने भी हालात की गंभीरता को देखते हुए चेतावनी दी है—‘शत्रु को कभी कमजोर न समझें.’

रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बलों जैसे बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और सभी को ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए गए है.

/ ओम पराशर

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