महासमुंद / रायपुर, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के विशेष प्रयास किया जा रहे हैं। विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही हितग्राहीमूलक योजनाओं से जोड़कर उन्हें आर्थिक गतिविधियों में सम्मिलित करते हुए लाभ के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं । ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर हो रही हैं।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम गुलझर की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि आत्मनिर्भरता का रास्ता दूर नहीं, यदि सही दिशा, दृढ़ इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयास साथ हों। वर्ष 2019 में गठित जय बड़ादेव महिला स्व-सहायता समूह ने स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर आजीविका का सशक्त साधन तैयार किया और अपनी आर्थिक स्थिति को नई दिशा दी।
समूह की अध्यक्ष गोमती ध्रुव बताती हैं कि उन्होंने शुरुआत में बकरी पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाया, क्योंकि यह ग्रामीण परिवेश में कम लागत और कम प्रशिक्षण में भी लाभकारी साबित हो सकता है। उनके अनुसार बकरी पालन सिर्फ पशुपालन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का एक प्रभावी माध्यम बन गया है।
उन्हाेंने बताया कि बकरी पालन की शुरुआत बिहान योजना के अंतर्गत 1 लाख रुपये के ऋण से की। नियमित किस्त चुकाने के बाद वे ऋणमुक्त हुईं और फिर क्रमशः 2 लाख और 4 लाख रुपये का ऋण लेकर व्यवसाय का विस्तार किया। समय पर ऋण अदायगी के फलस्वरूप समूह को 15 हजार रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 60 हजार रुपये का सामुदायिक निवेश कोष भी प्राप्त हुआ।
आज समूह की 8 महिला सदस्यों के पास चार से पाँच बकरियाँ हैं। वे न केवल बकरी पालन कर रही हैं, बल्कि उससे उत्पादित जैविक बकरी खाद को तैयार कर बाज़ार में बेच रही हैं, जिससे प्रत्येक महिला को प्रति माह 4 से 5 हजार रुपये की अतिरिक्त आय हो रही है। बकरी खाद की गुणवत्ता और जैविक प्रकृति के कारण इसकी मांग पुणे जैसे बड़े शहरों में भी बनी हुई है।
हाल ही में जिला पंचायत परिसर में आयोजित आकांक्षा हाट में समूह द्वारा लगाए गए स्टॉल में बकरी खाद को लोगों का जबरदस्त प्रतिसाद मिला। इससे महिलाओं का उत्साह और आत्मविश्वास और भी बढ़ा है।
गोमती ध्रुव और उनकी साथी महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि यदि ग्रामीण महिलाएं संगठित होकर कार्य करें और शासन की योजनाओं का सही लाभ उठाएं, तो न केवल वे अपनी आजीविका को सशक्त बना सकती हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन सकती हैं। समूह की महिलाएं बिहान योजना और अन्य आजीविका उन्मुख सरकारी योजनाओं के लिए शासन का आभार व्यक्त करती हैं, जिन्होंने उन्हें यह मंच और अवसर प्रदान किया।
—————
(Udaipur Kiran) / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल
You may also like
जयपुर का अनोखा गणेश मंदिर! यहां पहले भगवान को जाता है कार्ड, फिर रिश्तेदारों को! जानिए दाहिने सूंड वाले गणेशजी की खास मान्यता
खाली पेट खाने से बचें: ये 5 चीजें आपकी सेहत को कर सकती हैं नुकसान
बिहार शिक्षक बहाली में यूं ही नहीं मिलेगा डोमिसाइल, ये दो सर्टिफिकेट नहीं तो फायदा भी नहीं, जानिए
आज इन 6 राशियों को रहना होगा बेहद सतर्क, ग्रहों की चाल से छिन सकती हैं खुशियां और बिगड़ सकते हैं काम
आज का मौसम 06 अगस्त 2025: दिल्ली-NCR और यूपी में बढ़ेगी उमस, उत्तराखंड के 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट... पढ़ें वेदर अपडेट