जम्मू, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । पिछले दो दिनों में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड बारिश के कहर के बाद संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई जिनमें से ज़्यादातर वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन के शिकार हुए। बुधवार को बारिश में कुछ कमी आई है, जिससे राहत कार्यों में तेज़ी आई।
जम्मू में उफनती नदियों का जलस्तर सुबह 11 बजे से कम होने के संकेत दिखे लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई और पानी कई रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में घुस गया।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में जलाशयों के उफान पर आने और अचानक आई बाढ़ के कारण कई प्रमुख पुलों, निजी घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि निचले इलाकों से 10,000 से ज़्यादा लोगों को निकाला गया है।
मूसलाधार बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के बीच शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने घोषणा की कि खराब मौसम के मद्देनजर गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
उत्तर रेलवे ने जम्मू और कटरा स्टेशनों से आने-जाने वाली 58 ट्रेनों को रद्द करने का आदेश दिया है, जबकि 64 ट्रेनों को संभाग के विभिन्न स्टेशनों पर या तो बीच में ही रोक दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह रेल यातायात जो एक दिन के निलंबन के बाद जम्मू से छह ट्रेनों के रवाना होने के साथ कुछ समय के लिए बहाल हुआ था, चक्की नदी क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ और भारी मिट्टी के कटाव के कारण फिर से रुक गया है।
कुछ इलाकों में बारिश रुकने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला क्षेत्र की स्थिति का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने के लिए श्रीनगर से जम्मू पहुंचे।
अधिकारियों ने बताया कि ऑप्टिकल फाइबर को हुए नुकसान के 24 घंटे बाद बुधवार को सभी नेटवर्क पर फोन और नेटवर्क सेवाएं बहाल कर दी गईं। अधिकारियों ने बताया कि वैष्णो देवी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है क्योंकि बचाव दल ने मलबे के नीचे से और शव निकाले हैं। यह आपदा जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के मार्ग पर आई थी।
लगातार भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हो गए और विभिन्न अस्पतालों में उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की घुमावदार यात्रा के लगभग आधे रास्ते में अधक्वारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे भूस्खलन हुआ। अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते बचाव दल जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबे के ढेरों को खोद रहे हैं।
मंदिर की तीर्थयात्रा दूसरे दिन भी स्थगित रही। मंगलवार सुबह से ही हिमकोटि ट्रेक मार्ग पर यात्रा रोक दी गई थी लेकिन दोपहर तक यह पुराने मार्ग पर जारी रही तब अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर इसे स्थगित करने का फैसला किया।
जम्मू में बुधवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई जो 1910 में शीतकालीन राजधानी में वेधशाला स्थापित होने के बाद से 24 घंटे की अवधि में सबसे अधिक है।
मंगलवार को डोडा जिले में तीन महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि प्रागवाल में एक बीएसएफ जवान समेत दो शव मिले। अखनूर में मिले दूसरे शव की अभी पहचान नहीं हो पाई है। पंजाब की सीमा पर लखनपुर में एक सिंचाई विभाग के कर्मचारी का शव मिला।
कश्मीर घाटी में भी रात भर भारी बारिश हुई जहाँ मुख्य झेलम नदी आज सुबह अनंतनाग जिले के संगम और श्रीनगर के राम मुंशी बाग में बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर में कुर्सू, राजबाग, बेमिना और सेकिदाफर के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया जबकि मुख्य अनंतनाग शहर के अधिकांश स्थानों पर भी बाढ़ का पानी रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में घुस गया जिससे बाजार जलमग्न हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में जिला न्यायालय परिसर में भी पानी घुस गया जिसके बाद जिला न्यायाधीश और अन्य कर्मचारियों को एसडीआरएफ कर्मियों द्वारा नाव की मदद से बाहर निकालना पड़ा।अनंतनाग, कुलगाम और श्रीनगर में जिला प्रशासन और पुलिस को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना पड़ा।
पिछले कुछ दिनों में भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और एक दर्जन से अधिक अन्य सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते में भूस्खलन के कारण हुई जान-माल की हानि दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया है और जम्मू-कश्मीर के लोगों को निरंतर सहायता प्रदान करने के उनके आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार को बारिश रुकने से उन्हें थोड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि इस तथ्य के साथ कि बारिश बंद हो गई है, निचले इलाकों में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ जिले के सुदूर मार्गी इलाके में अचानक आई बाढ़ में 10 रिहायशी घर और एक पुल बह गया लेकिन किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में जम्मू क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में लगातार बारिश जारी रही और तवी, चिनाब, उझ, रावी और बसंतर सहित लगभग सभी जल निकाय खतरे के निशान से कई फीट ऊपर बह रहे हैं हालांकि सुबह करीब 11 बजे बारिश रुकने के बाद अधिकांश जल निकायों का जल स्तर कम होने लगा लेकिन बादल छाए रहे। ————–
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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