वाराणसी,03 जून . छावनी क्षेत्र स्थित 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर (जीटीसी) परिसर में आज सुबह पौ फटते ही देशभक्ति की बयार बहने लगी, जब अग्निवीर जवानों की कदमताल ने पूरे वातावरण को राष्ट्रप्रेम से सराबोर कर दिया. बैच संख्या ए बी 005/24 के अंतर्गत 197 अग्निवीर जवानों ने 31 सप्ताह का कठिन और अनुशासित सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर शानदार पासिंग आउट परेड में राष्ट्र सेवा की शपथ ली. समारोह में जवानों की दृढ़ता, अनुशासन और समर्पण की झलक साफ दिखाई दी.
गोरखा प्रशिक्षण केंद्र युवा पुरुषों को मजबूत, मानसिक रूप से चुस्त, कठोर और युद्ध के लिए तैयार सैनिकों में बदलने और उनकी क्षमताओं के निर्माण में उत्कृष्ट हैं. इन सैनिकों को फिर हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए सक्रिय फील्ड क्षेत्रों में परिचालन इकाइयों में तैनात किया जाता है. इस परेड को वीर जवानों के माता-पिता, पूर्व सैनिकों और वाराणसी के गणमान्य व्यक्तियों ने देखा. यह वास्तव में सैन्य अभ्यास की एक त्रुटिहीन प्रस्तुति थी. प्रशिक्षुओं ने अपनी सटीकता और लालित्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. जैसे ही जवानों की टुकड़ियों ने सलामी मंच के सामने शस्त्र प्रस्तुत किए, जोरदार तालियों से उनका उत्साह वर्धन किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि 39 जी टी सी के कमांडेंट ब्रिगेडियर अनिबार्न दत्ता (सेवा मेडल) रहे. उन्होंने जवानों को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय सेना न केवल शारीरिक बल, बल्कि मानसिक और नैतिक दृढ़ता की मिसाल है. उन्होंने जवानों को राष्ट्र की रक्षा में समर्पित भाव से कार्य करने की प्रेरणा दी. समारोह का संचालन सूबेदार यशविंदर सिंह ने किया. उन्होंने 39 जीटीसी के गौरवशाली इतिहास और परंपराओं को संक्षेप में प्रस्तुत कर सभी को प्रेरित किया.
इस परेड को वीर जवानों के माता-पिता, पूर्व सैनिकों और वाराणसी के गणमान्य व्यक्तियों ने देखा. यह वास्तव में सैन्य अभ्यास की एक त्रुटिहीन प्रस्तुति थी. प्रशिक्षुओं ने अपनी सटीकता और लालित्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. जैसे ही जवानों की टुकड़ियों ने सलामी मंच के सामने शस्त्र प्रस्तुत किए, जोरदार तालियों से उनका उत्साह वर्धन किया गया.
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अग्निवीरों को दिए गए पदक युद्ध शारीरिक दक्षता परीक्षण में सर्वश्रेष्ठ – एवी करण भट्टराई, ड्रिल में सर्वश्रेष्ठ – एवी अरुण तमांग,दूसरा ऑल राउंड बेस्ट – एवी सूरज गुरुंग, रणनीति, फायरिंग और समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ – एवी विदांश बिष्ट.
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/ श्रीधर त्रिपाठी
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