वाशिंगटन, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । अमेरिका के प्रमुख अखबार द वाल स्ट्रीट जर्नल, न्यूजकॉर्प और रूपर्ट मर्डोक पर राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप जल्द ही मुकदमा दायर करने वाले हैं। वह जेफरी एपस्टीन को ‘कभी लिखे गए उनके कथित अश्लील पत्र’ के छापने से आहत और गुस्से में हैं। ट्रंप पहले ही इस पत्र को फर्जी बता चुके हैं। द वाल स्ट्रीट जनरल में इस आशय की रिपोर्ट छपने के बाद ट्रंप ने अपने सोशल ट्रुथ पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी किया है।
द वाल स्ट्रीट जनरल ने अपनी विशेष रिपोर्ट में कहा है कि ट्रंप ने एपस्टीन को एक कथित पत्र भेजा था। इस पत्र की भाषा अश्लील थी। बताया गया है कि द वाल स्ट्रीट जर्नल और रूपर्ट मर्डोक को राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने सीधे चेतावनी दी थी कि अगर एपस्टीन को लिखा गया उनका कथित फर्जी पत्र छापा जाता है तो वह मुकदमा दायर करेंगे।
अमेरिकी मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि मर्डोक ने ट्रंप को आश्वासन दिया था कि वह इसका ध्यान रखेंगे, लेकिन उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं था। इसके अलावा ट्रंप की तरफ से व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने द वाल स्ट्रीट जर्नल की संपादक एम्मा टकर को बताया था कि पत्र फर्जी है। लेविट का कहना है कि एम्मा टकर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं। वह सिर्फ झूठी, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक कहानी पर अडिग थीं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल ट्रुथ पर अपनी पोस्ट में कहा कि वह जल्द ही द वल स्ट्रीट जर्नल, न्यूजकॉर्प और मर्डोक पर मुकदमा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रेस को सच बोलना सीखना होगा। प्रेस को ऐसे स्रोतों पर भरोसा नहीं करना होगा जो शायद मौजूद ही नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप पत्रकार जॉर्ज स्टेफानोपोलोस, एबीसी, 60 मिनट्स, सीबीएस और अन्य मीडिया घरानों से टकरा कर उनकी बोलती बंद करा चुके हैं। अब वह निष्पक्षता की दुहाई देने वाले द वाल स्ट्रीट जर्नल से टकराने का मन बना चुके हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि द वाल स्ट्रीट जर्नल पहले जैसा नहीं रहा। अब वह घटिया अखबार बन गया है। उन्होंने कहा कि अगर ‘कथित पत्र’ में रत्ती भर सच्चाई होती तो हिलेरी और अन्य कट्टरपंथी वामपंथी राष्ट्रपति चुनाव में जरूर मुद्दा बनाते। द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट फेक न्यूज का एक और उदाहरण है।
सीएनएन न्यूज चैनल के अनुसार, गुरुवार (स्थानीय समय) को प्रकाशित द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, जेफरी एपस्टीन को 2003 में उनके 50वें जन्मदिन पर भेजे गए बधाई संदेश के पत्रों के संग्रह में डोनाल्ड ट्रंप का नाम और एक नग्न महिला की रूपरेखा वाला एक नोट शामिल था। हालांकि ट्रंप ने मंगलवार को दिए द वाल स्ट्रीट जर्नल को दिए गए एक साक्षात्कार में इस बात से इनकार किया कि उन्होंने एपस्टीन को पत्र लिखा या चित्र बनाया था। उन्होंने कहा था, मैंने अपने जीवन में कभी कोई शब्द चित्र नहीं लिखा। मैं महिलाओं के चित्र नहीं बनाता। यह मेरी भाषा नहीं है। यह मेरे शब्द नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि एपस्टीन अमेरिका के बड़े फाइनेंसर रहे हैं। उनके देश के कई राजनेताओं और प्रभावशाली हस्तियों के गहरे संबंध किसी से छुपे नहीं हैं। उन पर साल 2019 में फ्लोरिडा और न्यूयॉर्क में नाबालिगों की यौन तस्करी का आरोप लगा था। इस खुलासे के बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई। बाद में वह अपनी जेल की कोठरी में मृत पाए गए। सीएनएन के अनुसार, मेडिकल जांच में कहा गया कि उन्होंने आत्महत्या की। बाद में परिस्थितियों ने कई नए रहस्य खोले और उनकी मौत पर ‘षड्यंत्र के सिद्धांत’ गढ़े गए।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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