धमतरी, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । परिवर्तित 109 राजस्व गांवों में से कई गांवों के किसानों की काबिज जमीन भुईयां पोर्टल पर अपलोड नहीं है। ऐसे में एग्रीस्टेक पोर्टल में इन किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। इससे आक्रोशित सैकड़ों किसानों की भीड़ 22 अगस्त को कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां किसानों ने प्रदर्शन किया। कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर भुईयां पोर्टल में काबिज जमीन को अपलोड करने की मांग। समय रहते मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दिए है।
सामुदायिक वन संसाधन संघर्ष समिति जिला धमतरी के अध्यक्ष व पूर्व जनपद पंचायत सभापति बंशीलाल सोरी, शिवा नेताम पूर्व सरपंच, तुलसीराम मंडावी पूर्व सरपंच, देवचंद उइके पूर्व सरपंच, मुकेश मंडावी, गणेश राम नेताम, रामभरोसा सिन्हा, इंदल सिंह, कन्हैया मरकाम, आनंद राम मंडावी समेत सैकड़ों की संख्या में विभिन्न गांवों के किसानों की भीड़ 22 अगस्त को वाहनों में सवार होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। यहां कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर किसानों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि धमतरी जिले के नगरी ब्लाक अंतर्गत 109 गांव परिवर्तित राजस्व ग्राम में आते हैं। इनमें से कई गांवों के किसानों का किसान एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन नहीं हो पा रहा है, क्योंकि भुईयां पोर्टल पर काबिज जमीन को अपलोड नहीं किया गया है, ऐसे में पोर्टल पर पंजीयन नहीं हो पा रहा है। जबकि शासन के आदेशानुसार एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन के नाम से राज्य शासन द्वारा किसानों को धान बेचने, बीमा व किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी पंजीयन अनिवार्य किया गया है। इसमें पंजीयन के बाद ही किसानों को 11 अंकों की यूनिक पहचान संख्या प्राप्त होगी, जो आधार कार्ड की तरह कार्य करेगी। ऐसे में भुईयां पोर्टल पर काबिज जमीन का अपलोड नहीं हुआ है, इससे इन किसानों का पंजीयन हो पा रहा है न ही इन्हें 11 अंकों का यूनिक पहचान संख्या मिल पा रहा है, इससे किसान परेशान है। भुईयां पोर्टल पर जमीन अपलोड करने की मांग को लेकर प्रभावित किसानों ने शासन-प्रशासन को लंबे समय से अवगत करा रहे हैं। कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं, लेकिन शासन स्तर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान में किसान अपने खेतों में खरीफ धान फसल लगाए है।
शासन-प्रशासन को उग्र आंदोलन की चेतावनी
फसल की कटाई-मिंजाई के बाद किसान अपने उत्पादित धान को खरीद केन्द्रों में बेचेंगे, लेकिन फार्मर आईडी के बिना धान बेच पाना संभव नहीं है। ऐसे में पीड़ित किसानों ने वन ग्राम से परिवर्तित राजस्व ग्रामों का समस्याओं पर ध्यान देकर अधूरे कार्याें को पूरा करने की मांग की है। समय रहते इन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित रह जाएंगे। किसानों की समस्याओं का समय रहते समाधान नहीं होने पर किसानों ने शासन-प्रशासन को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दिए है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
You may also like
दुश्मनों के साथ खेलना बेशर्मी... भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर भड़के अबु आजमी, पीएम मोदी पर साधा निशाना
मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला बना नया टूरिज्म हॉट स्पॉट, पर्यटकों को भा रहे हैं होम स्टे
अमेरिका में नायाग्रा फ़ाल्स के पास बस हादसा, पांच पर्यटकों की मौत
बिहार का मौसम, 23 अगस्त: पटना- गयाजी, नवादा सहित 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, जानिए अपने जिले का हाल
रामपुर में युवती का धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास और वीडियो वायरल की धमकी, पूर्व इमाम गिरफ्तार