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तीन दशक से ज्यादा पुराना है राजस्थान का डेजर्ट नेशनल पार्क, वीडियो में जानिए इसकी स्थापना से लेकर आज तक की दिलचस्प कहानी

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थार के विस्तृत रेगिस्तान के बीच फैला एक ऐसा क्षेत्र जो सुनसान और शुष्क होने के बावजूद भी जैव विविधता से भरपूर है – यही है डेजर्ट नेशनल पार्क। यह पार्क राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत का एक ऐसा कोना है जो रेगिस्तान की पारिस्थितिकी, वन्यजीव और वातावरण को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। इसका इतिहास, भूगोल और विशेषताएं इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं।


स्थापना और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
डेजर्ट नेशनल पार्क की स्थापना वर्ष 1980 में की गई थी। इसका उद्देश्य था थार मरुस्थल की विलुप्त हो रही जैव विविधता को संरक्षित करना और रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखना। यह पार्क राजस्थान के पश्चिमी भाग में जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में फैला हुआ है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 3,162 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक बनाता है।स्थापना से पहले, यह क्षेत्र स्थानीय चरवाहों, बंजारा जातियों और ग्रामीणों के लिए एक सामान्य रेत भूमि थी, जहां सीमित संसाधनों के साथ जीवन चलता था। लेकिन समय के साथ-साथ यह महसूस किया गया कि यहां की भूमि में न केवल पर्यावरणीय महत्व है, बल्कि यह कई विलुप्तप्राय प्रजातियों का भी घर है। इसी सोच ने डेजर्ट नेशनल पार्क की नींव रखी।

भूगोल और पारिस्थितिकी
यह पार्क थार मरुस्थल के जैविक और भौगोलिक स्वरूप का एक जीवंत उदाहरण है। यहाँ की भूमि में रेत के टिब्बे, नमक के मैदान (salt flats), चट्टानी परतें (rocky outcrops), और रेतीली मिट्टी (sand dunes) देखने को मिलती है। पार्क का लगभग 20% भाग स्थायी रेत के टिब्बों से बना है।यहां की पारिस्थितिकी बेहद नाजुक है, लेकिन इसके बावजूद यहां अनेक प्रकार के पौधे और जीव जंतु पनपते हैं। यहाँ की वनस्पति में मुख्य रूप से काँटेदार झाड़ियाँ, बबूल, कीकर और अन्य मरुस्थलीय पेड़-पौधे शामिल हैं, जो कम वर्षा और अत्यधिक तापमान में भी जीवित रह सकते हैं।

वन्यजीव और खासियत
डेजर्ट नेशनल पार्क की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी विलुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Godawan) की उपस्थिति। यह पक्षी राजस्थान का राज्य पक्षी भी है और आज केवल कुछ गिने-चुने क्षेत्रों में ही बचा है। डेजर्ट नेशनल पार्क को ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का एक प्रमुख आवास माना जाता है, और इस कारण यह पार्क पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।इसके अलावा, यहाँ ब्लैकबक, चिंकारा, डेजर्ट फॉक्स, बंगाल मॉनिटर, इंडियन जंगली बिल्ली और कई प्रकार के सरीसृप जैसे प्रजातियाँ पाई जाती हैं। पक्षियों में रेप्टर (शिकारी पक्षी) की अनेक प्रजातियाँ जैसे टावनी ईगल, शॉर्ट टॉड स्नेक ईगल, लैगर फाल्कन आदि देखे जा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में यहाँ प्रवासी पक्षियों की भी भारी संख्या में उपस्थिति होती है।

पर्यटन और महत्व
डेजर्ट नेशनल पार्क जैसलमेर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ पर पर्यटक सफारी राइड्स, बर्ड वॉचिंग, और फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं। खासतौर पर सर्दियों के मौसम (नवंबर से फरवरी) में यहाँ बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं।यह पार्क न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है। इसके साथ-साथ, यह छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए भी अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां वे मरुस्थलीय जैव विविधता और पर्यावरणीय चुनौतियों पर रिसर्च कर सकते हैं।

पर्यावरणीय और वैज्ञानिक महत्व
डेजर्ट नेशनल पार्क एक 'रेगिस्तानी इकोसिस्टम' को संरक्षित रखने का जीवंत प्रयास है। यह दिखाता है कि रेगिस्तान केवल बंजर भूमि नहीं होती, बल्कि जीवन का अनोखा रूप भी वहां फलता-फूलता है। यह पार्क जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर भी अध्ययन का विषय बना हुआ है।

डेजर्ट नेशनल पार्क केवल एक राष्ट्रीय उद्यान नहीं, बल्कि एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी प्रकृति अपना संतुलन बना लेती है। यह रेगिस्तान की नीरसता में छिपी विविधता, संतुलन और सौंदर्य का प्रतीक है। यह पार्क न केवल भारत की पर्यावरणीय धरोहर है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक संदेश भी है – कि प्रकृति को समझना और उसका सम्मान करना ही उसका सबसे बड़ा संरक्षण है।

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