"पुलिस आपकी मित्र है" – यह वाक्य हम सबने कई बार सुना है। हर राज्य की पुलिस यही दावा करती है कि वह जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए है, और कोई भी नागरिक पुलिस से डरे नहीं। लेकिन बिहार के शेखपुरा जिले से आई एक घटना ने इन सभी दावों की सच्चाई को आईना दिखा दिया है।
यह घटना न सिर्फ पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पब्लिक फ्रेंडली पुलिसिंग के सरकारी दावों को भी झूठा और खोखला साबित करती है। शेखपुरा में एक आम नागरिक के साथ पुलिस द्वारा किया गया अमानवीय व्यवहार अब प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या है मामला?मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेखपुरा जिले में एक युवक को मामूली आरोप में पुलिस हिरासत में लिया गया। लेकिन हिरासत के दौरान उसके साथ पुलिसकर्मियों ने जिस तरह का बर्ताव किया, वह पूरी तरह अमानवीय और असंवैधानिक था। न सिर्फ उसकी पिटाई की गई, बल्कि बताया जा रहा है कि मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करते हुए उससे गाली-गलौज और मानसिक प्रताड़ना भी की गई।
घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पुलिसकर्मी पीड़ित से जानवरों जैसा बर्ताव करते नजर आते हैं। इस वीडियो ने आम लोगों के बीच गुस्सा और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।
जनता में आक्रोशस्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर पुलिस जनता के साथ ऐसा व्यवहार करेगी, तो लोग अपनी सुरक्षा की उम्मीद किससे करें?
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा:
पुलिस प्रशासन ने दिए जांच के आदेश“ऐसी घटनाएं पुलिस और जनता के बीच की दूरी बढ़ाती हैं। अगर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो आमजन में पुलिस के प्रति भरोसा खत्म हो जाएगा।”
घटना के सामने आने के बाद शेखपुरा पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एसपी ने मीडिया को बताया कि,
पीपुल फ्रेंडली पुलिसिंग पर सवाल"वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। अगर किसी पुलिसकर्मी द्वारा अमानवीय व्यवहार पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुलिस वाकई में 'जन मित्र' है? क्या जनता के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार कर पुलिस कानून की रक्षा कर रही है या उसका उल्लंघन? जब सेवा का संकल्प लेकर वर्दी पहनी जाती है, तो उसका पहला उद्देश्य सम्मानजनक व्यवहार और न्याय सुनिश्चित करना होता है।
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