पूर्वी उत्तर प्रदेश में बीमारियों की रोकथाम के लिए शोध, चिकित्सा शिक्षा और इलाज में मानक स्थापित कर रहा एम्स अब नई सुविधा शुरू करने जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की मदद से एम्स में पोस्टमार्टम भी शुरू होगा। तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। शवगृह बनकर तैयार है। एम्स के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग की टीम पोस्टमार्टम करेगी। इससे गुणवत्तापूर्ण पोस्टमार्टम तो होगा ही साथ ही एमबीबीएस छात्रों की एनाटॉमी की समझ भी बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पर बोझ भी कम होगा। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अनुमति के लिए डीएम को पत्र भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद पोस्टमार्टम शुरू कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की पहल पर एम्स में पोस्टमार्टम शुरू करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। एम्स प्रबंधन ने इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है। मेडिकोलीगल ऑटोप्सी सेवाएं शुरू करने के लिए सीएमओ ने कमेटी बनाई है।
कमेटी में सीएमओ डॉ. राजेश झा, उप निदेशक क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला संजय कुमार पांडेय, क्षेत्राधिकारी कैंट योगेंद्र सिंह, एम्स के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज परचाके शामिल हैं। पिछले दिनों कमेटी ने एम्स के शवगृह का निरीक्षण कर संतोष जताया और इसे शुरू करने की अनुमति देने की संस्तुति की थी। इसके बाद औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। अब सिर्फ डीएम की अनुमति का इंतजार है। एम्स की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता के मार्गदर्शन में जल्द ही एम्स में पोस्टमार्टम शुरू कर दिया जाएगा। शुरुआत में एम्स के सिर्फ एक थाना क्षेत्र का पोस्टमार्टम ही एम्स में किया जाएगा। इसके बाद इसका दायरा बढ़ाया जाएगा।
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