एक हैरान करने वाली घटना में, छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित पटवारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतक पटवारी पर आरोप था कि उसने भारतमाला परियोजना से जुड़े कामों में अनियमितताएं की थीं, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। आत्महत्या करने से पहले पटवारी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताते हुए गड़बड़ी के आरोपों को नकारा है। सुसाइड नोट में यह भी कहा गया है कि उसे झूठे आरोपों के कारण मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा था, जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुसाइड नोट को जब्त कर लिया है और अब मामले की विस्तृत जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस आत्महत्या की वजहों को समझने की कोशिश कर रहे हैं और यदि जरूरत पड़ी तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल एक कर्मचारी की जान से जुड़ी है, बल्कि सरकारी विभागों में पारदर्शिता और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। पुलिस और प्रशासन ने मामले की पूरी गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया है।
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