बिहार की सियासत में चुनावी हलचल तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आगामी विधानसभा चुनाव को अपनी पार्टी के लिए ‘करो या मरो’ की लड़ाई करार दिया है।
पार्टी की नाराजगीमांझी ने कहा कि पार्टी गठन के दस साल बीत जाने के बावजूद अब तक मान्यता प्राप्त दर्जा नहीं मिलने से वे नाराज हैं। उनका मानना है कि यह अस्वीकार उनकी पार्टी और समर्थकों के साथ अन्याय है।
चुनावी रणनीतिजीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया कि इस बार वे अपनी पूरी ताकत चुनावी रणभूमि में झोंक देंगे। उनका यह बयान संकेत करता है कि पार्टी संपूर्ण चुनावी सक्रियता के साथ मैदान में उतरेगी और विधानसभा चुनावों में अपने वजूद को मजबूत करने की कोशिश करेगी।
राजनीतिक महत्वविश्लेषकों का मानना है कि मांझी का यह बयान बिहार की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकता है। पार्टी की यह रणनीति न केवल अपने दर्जे की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए है, बल्कि आगामी चुनाव में गठबंधन और सीटों के बंटवारे पर भी असर डाल सकती है।
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