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राजस्थान के कुलधरा गाँव के मंदिर का अनसुलझा रहस्य जो सदियों से छुपा हुआ, वीडियो में जानकर काँप जाएगी रूह

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राजस्थान के जयपुर से कुछ ही किलोमीटर दूर बसा हुआ है एक प्राचीन गाँव, जिसका नाम है कुलधरा। यह गाँव आज भले ही वीरान हो चुका हो, लेकिन इसकी कहानी सुनने के बाद कोई भी दंग रह जाएगा। कुलधरा की तंग गलियों, खंडहरों और खाली घरों के पीछे एक ऐसा रहस्य छिपा है, जो दशकों से लोगों के लिए आकर्षण और भय दोनों का कारण बना हुआ है। खासकर यहाँ के पुराने मंदिर का रहस्य तो हर किसी को चौंका देता है। इस खबर में जानेंगे कि कुलधरा गाँव के मंदिर से जुड़ी वो अद्भुत और रहस्यमयी बातें, जिन्हें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।


कुलधरा का इतिहास और अचानक हुई वीरानी
कुलधरा गाँव की स्थापना करीब सोलहवीं शताब्दी में हुई थी। यह गाँव प्रजापतियों द्वारा बसाया गया था, जो कि एक समृद्ध और खुशहाल समुदाय था। गाँव में खूबसूरत हवेलियाँ, मंदिर और खेत थे। लोगों की खुशहाली देखते ही बनती थी। लेकिन अचानक, एक रात इस गाँव के सभी निवासी बिना किसी सुराग के कहीं चले गए। ऐसा माना जाता है कि कुछ अनहोनी घटना के कारण गाँव वीरान हो गया।स्थानीय लोककथाओं में कहा जाता है कि कुलधरा के लोग अचानक अपने गाँव को छोड़कर चले गए क्योंकि उनके ऊपर किसी ने बड़ा श्राप दिया था। इस बात का कारण अब भी अज्ञात है, लेकिन यह कहानी कई सालों से लोगों के बीच सुनाई जाती है।

कुलधरा का मंदिर: रहस्यमयी इतिहास
गाँव में बने पुराने मंदिर की बात करें, तो यह मंदिर किसी साधारण मंदिर से कहीं अधिक रहस्यमयी है। यह मंदिर लगभग पाँच सौ साल पुराना माना जाता है और इसे काशी के प्रसिद्ध मंदिरों की शैली में बनाया गया है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक़्क़ाशी की गई है, जिनमें देवी-देवताओं की मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। लेकिन यहाँ की सबसे बड़ी खासियत है मंदिर की अनूठी वास्तुकला और उस पर छाए रहस्यों का पर्दाफाश।कहा जाता है कि इस मंदिर में एक रहस्यमयी शक्ति बसती है। जो भी व्यक्ति मंदिर के अंदर जाता है, उसे अजीब सी अनुभूतियाँ होती हैं। कई लोगों ने बताया है कि मंदिर में अंधेरा होते ही अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं, जैसे किसी की चीखें या बेताबी। इसके अलावा, कई पर्यटक और शोधकर्ता यहाँ आकर अचानक से अपनी हिम्मत खो बैठते हैं।

मंदिर के आसपास के रहस्य
कुलधरा मंदिर के आसपास की जमीन को लेकर भी कई अजीब कहानियाँ हैं। यहाँ के स्थानीय लोग दावा करते हैं कि मंदिर के नीचे कोई गुप्त सुरंग है, जो किसी खजाने तक जाती है। इस सुरंग की खोज कई बार की गई, लेकिन अब तक कोई सुरंग नहीं मिली। इसके अलावा, मंदिर के आस-पास बार-बार ऊर्जा का असामान्य स्तर मापा गया है, जिसे वैज्ञानिक भी पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं।मंदिर के बारे में एक और दिलचस्प बात यह है कि यहाँ पूजा के लिए रखे गए कुछ शिलालेख और वस्तुएं अचानक गायब हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह कोई अलौकिक घटना है।

स्थानीय लोगों की मान्यता
स्थानीय लोग और ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि कुलधरा मंदिर के साथ जुड़ा रहस्य एक पुराने समय के तंत्र-मंत्र से जुड़ा हुआ है। कई लोगों ने यहाँ पर रात बिताने की कोशिश की है, लेकिन वे डर के मारे आधी रात को ही वहाँ से भाग गए। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर पर एक भयंकर शक्ति का वास है, जो लोगों को डराने के लिए सक्रिय रहती है।यहां तक कि पुराने समय में कुलधरा में एक बड़े तांत्रिक साधु का निवास था, जिसने मंदिर की रक्षा के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया था। माना जाता है कि इस तंत्र का प्रभाव आज भी मंदिर और उसके आसपास मौजूद है।

पर्यटकों और शोधकर्ताओं की रुचि
हालांकि कुलधरा गाँव वीरान हो चुका है, लेकिन इसके मंदिर ने पर्यटकों और इतिहासकारों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। हर साल यहाँ हजारों लोग आते हैं, जो इस रहस्यमयी स्थल की खोज में जुटे हैं। कुछ शोधकर्ता इसे एक पुरातात्विक खजाने के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ इसे लोककथाओं और मिथकों का केन्द्र मानते हैं।कुलधरा मंदिर और गाँव की रहस्यमयी कहानियों पर कई डॉक्यूमेंट्री और पुस्तकें भी लिखी जा चुकी हैं। इसके बावजूद आज तक कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आ पाया है जो इस रहस्य को पूरी तरह से उजागर कर सके।

कुलधरा गाँव का मंदिर और इसकी रहस्यमयी कहानी राजस्थान के इतिहास और लोककथाओं का एक अनमोल हिस्सा है। जहाँ एक ओर यह मंदिर अपनी प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर इसके पीछे छुपा रहस्य लोगों को आकर्षित और डरा दोनों करता है। यदि आप भी राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहरों और रहस्यमय कहानियों में रुचि रखते हैं, तो कुलधरा गाँव के इस मंदिर को जरूर देखना चाहिए।शायद आपको यहाँ की प्राचीन दीवारों में कुछ ऐसे राज़ मिल जाएं, जो सदियों से छुपे हुए हैं और आपके होश उड़ा दें।

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