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शिक्षक हो तो ऐसा... खुद की सैलरी से स्टूडेंट की करवाते हैं IIT-मेडिकल की तैयारी, बोले- इलाके में नहीं है कोई भी IITian

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दरभंगा जिले के मध्य विद्यालय उखड़ा की यह कहानी वाकई प्रेरणादायक है! प्रधानाध्यापक पुरुषोत्तम कुमार जायसवाल का यह कदम सराहनीय है, जो अपने निजी खर्चे से गांव के कमजोर वर्ग के बच्चों को IIT और मेडिकल की तैयारी करवाते हैं।

इस पहल की खास बातें:
  • नि:स्वार्थ सेवा: खुद के संसाधनों से छात्रों को अतिरिक्त कोचिंग देना, जो सामान्यतः महंगे कोचिंग सेंटरों में ही मिलती है।

  • समान अवसर: गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को भी उच्च शिक्षा और कैरियर के सुनहरे मौके देने की कोशिश।

  • शिक्षा का विस्तार: स्कूल के नियमित पढ़ाई के अलावा छात्र आईआईटी और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर पा रहे हैं, जिससे उनकी भविष्य की संभावनाएं बढ़ रही हैं।

इसका प्रभाव:
  • गांव के बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

  • वे बड़े शहरों में जाकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित होंगे।

  • इस पहल से आसपास के स्कूलों और शिक्षकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा कि वे अपने स्तर पर इस तरह की मदद करें।

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