जिले में एक मारपीट के मामले में विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब आरोप है कि आरोपी पक्ष ने पुलिस से बचने के लिए फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करवा ली। मामले की शिकायत पीड़ित पक्ष ने जिलाधिकारी (डीएम) से की है, जिसके बाद पूरे प्रकरण की गहन जांच शुरू हो गई है।
घटना का विवरणसूत्रों के अनुसार, मारपीट के दौरान घायल पीड़ित को अस्पताल में चिकित्सा जांच के लिए लाया गया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि आरोपी पक्ष ने अपनी सुरक्षा के लिए फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करवाई, जिसमें चोटों की गंभीरता या स्थिति को कम दिखाया गया।
प्रशासनिक कार्रवाईडीएम सहारनपुर के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने एक्सरे टेक्नीशियन और संबंधित स्टाफ से जवाब मांगा है। जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार करने में किन अधिकारियों और तकनीशियनों की भूमिका रही।
कानूनी और सामाजिक पहलूविशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करना गंभीर अपराध है और यह कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तुरंत जांच और जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जरूरी है, ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
पीड़ित पक्ष की प्रतिक्रियापीड़ित पक्ष का कहना है कि आरोपी पक्ष इस फर्जी रिपोर्ट का इस्तेमाल पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कर रहा था। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
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