बिहार के 15 जिलों में सहकारी बैंक खोलने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। राज्य सरकार ने इन जिलों के 144 प्रखंडों में इसे खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने के बाद सहकारी बैंक की शाखाएं खोली जाएंगी। वर्तमान में सहकारी बैंक 23 जिलों में कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में 534 ब्लॉकों में से 290 ब्लॉकों में सहकारी बैंकों की शाखाएं खोली जा चुकी हैं।
मंगलवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रेस कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने यह बात कही। उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर राज्य में विभिन्न सहकारी बैंकों द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान की भी जानकारी दी।
15 जून तक सभी ब्लॉकों में खुल जाएगा वेजफेड
मंत्री ने कहा कि किसानों की मदद के लिए हमने बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन संघ यानी वेजफेड का गठन किया है। हमारी समिति 470 ब्लॉकों में गठित की गई है। 15 जून तक राज्य के सभी प्रखंडों में इसका गठन हो जाएगा, जिसके बाद यह बिस्कोमान जैसा बड़ा फेडरेशन बन जाएगा। वेजफेड को बिस्कोमान की तरह बनाया जा रहा है।
इससे बिहार की सब्जियां जो कोल्ड स्टोरेज के अभाव में खराब हो रही थीं, अब खराब नहीं होंगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। इस संबंध में राज्य के सभी प्रखंडों में 10 टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज, 20 टन क्षमता के गोदाम आदि खोले जायेंगे। इस पर काम शुरू हो गया है।
प्रदेश में 6 से 30 मई तक विशेष अभियान
मंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर राज्य के विभिन्न सहकारी बैंकों के स्तर पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि इस अभियान के दौरान 6 मई को विशेष कार्यक्रम के तहत बैंकों में माइक्रो एटीएम वितरित किए गए, जमा राशि बढ़ाई गई तथा नए खाते खोले गए। 7 मई को ऋण वसूली अभियान चलाया गया। 8 मई को संयुक्त उत्तरदायित्व समूहों और स्वयं सहायता समूहों को ऋण वितरित किया गया। 9 मई को वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम एवं जमा वृद्धि अभियान का आयोजन किया गया। 10 मई को किसान क्रेडिट कार्ड वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह अभियान 30 मई तक जारी रहेगा।
कई स्थानों पर सहकारिता जागरूकता अभियान
अब तक 1,123 स्थानों पर सहकारिता जागरूकता, वित्तीय समावेशन और बैंकिंग सेवाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। एक सप्ताह में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार 805 पंचायतों तक किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए 14 माइक्रो एटीएम वितरित किए गए। ऋण वसूली के अंतर्गत 1,723 से अधिक नये बैंक खाते खोले गये हैं तथा 60,50,038 रुपये की वसूली की गयी है।
इसके अतिरिक्त, 203 किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 1 करोड़ 42 लाख 10 हजार रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई। 603 किसान क्रेडिट कार्ड धारकों का 4 करोड़ 22 लाख 10 हजार रूपये का नवीनीकरण किया गया। स्वयं सहायता समूहों के रूप में 325 से अधिक किसानों को 50 लाख 30 हजार रुपये के ऋण वितरित किए गए, जिससे समूह आधारित वित्तीय सहयोग को बढ़ावा मिला।
संवाददाता सम्मेलन में सहकारिता विभाग के अपर सचिव अभय कुमार सिंह, अपर निबंधक प्रभात कुमार, बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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