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मराठवाड़ा, सोलापुर में भारी बारिश, बाढ़ के पानी में फंसे ग्रामीण; राज्य में अन्य जगहों पर क्या है स्थिति?

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पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश और मूसलाधार बारिश हो रही है। मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र और कोंकण के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। इससे हर जगह बाढ़ आ गई है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इन जगहों पर नदियों में बाढ़ आने से कृषि को भारी नुकसान हुआ है। कई गाँवों में पानी घुस गया है। फिलहाल, प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। राज्य में कई बाढ़ग्रस्त जगहों पर फंसे लोगों को एनडीआरएफ की टीमें सुरक्षित बाहर निकाल रही हैं।

बीड जिले में भारी बारिश से नदियाँ उफान पर
बीड जिले में पिछले दस दिनों से भारी बारिश हो रही है। इसके कारण जिले की सभी नदियाँ और बाँध उफान पर हैं। रात में हुई बारिश के कारण बिंदुसार बाँध से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाने लगा है। जिसके कारण बीड शहर में नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके अलावा, बीड तालुका के नंदुर हवेली गाँव में सिंदफना नदी की बाढ़ में 36 लोगों के फँसने की जानकारी सामने आई थी। यह सूचना मिलने पर पुणे से एनडीआरएफ की टीम रात में ही पहुँच गई। इस टीम द्वारा चलाए गए बचाव अभियान में 18 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है और बाकी लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं।

जालना जिले में कृषि को भारी नुकसान
जालना जिले के बदनापुर और अंबड़ तालुका में भारी बारिश के कारण सुखना नदी चौथी बार पूरे उफान पर बह रही है। पिछले सप्ताह से हो रही इस बारिश के कारण कई नदियाँ उफान पर आ गई थीं। इसके कारण कई परियोजनाएँ अपनी पूरी क्षमता तक भर गई हैं। हालाँकि, कृषि में पानी जमा होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

इसके अलावा, अंबड़ तालुका के घुंगरदे हदगाँव में गलहटी नदी का बाढ़ का पानी गाँव में घुस गया। जिससे घरों और दुकानों में पानी घुस गया। इसके अलावा, अंबड़ तालुका के चिकनगाँव में स्कूल परिसर तालाब में तब्दील हो गया है।

धाराशिव जिले में रात भर हुई भारी बारिश के कारण सभी स्कूलों में एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई है। भूम, परांदा और कलंब तालुकाओं में भी भारी बारिश हुई है। इससे नदियों में बाढ़ आ गई है और कई सड़कें बंद हो गई हैं। बाढ़ के पानी में फंसे 65 लोगों को कल सुरक्षित निकाल लिया गया। सोलापुर जिले में भारी बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसमें उत्तर सोलापुर, माधा, करमाला, मोहोल, बार्शी और दक्षिण सोलापुर तालुका के स्कूल शामिल हैं।

सोलापुर जिले में सीना नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। वर्तमान में सीना नदी में दो लाख क्यूसेक की गति से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे माधा, मोहोल और दक्षिण सोलापुर के गांवों में पानी घुस गया है, जिससे यातायात बाधित हो गया है।

लातूर जिले में बाढ़ के कारण 20 सड़कें बंद
लातूर जिले में बाढ़ के कारण ग्रामीण इलाकों की 20 से ज़्यादा सड़कें पानी में डूब गई हैं। जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। मंजारा, तवरजा और तेरना नदियाँ उफान पर हैं और कई पुल पानी में डूब गए हैं। लातूर ज़िले में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति बह गया। लातूर ज़िले में प्रमुख परियोजनाएँ 100 प्रतिशत से ज़्यादा पूरी हो चुकी हैं।

मुंबई-गोवा राजमार्ग पर यातायात बाधित
चिपलून में मुंबई-गोवा राजमार्ग पर परशुराम घाट की सड़क लगातार बारिश के कारण बह गई है। इससे यातायात बाधित हुआ है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। चूँकि एक लेन पहले ही बंद है, इसलिए शेष लेन पर यातायात जारी रखा जा रहा है, जिससे वाहन चालकों को बड़ी परेशानी हो रही है।

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