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यूरोपीय संघ ने बांग्लादेश में सफल राजनीतिक परिवर्तन का आग्रह किया

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ढाका, 30 मई (आईएएनएस)। बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि यहां यूरोपीय संघ के राजदूत माइकल मिलर ने कहा है कि यूरोपीय संघ दक्षिण एशियाई देश में एक सफल लोकतांत्रिक राजनीतिक परिवर्तन चाहता है। जबकि, वह इसकी वकालत नहीं करते हैं कि बांग्लादेश में आम चुनाव 'जल्दी या देर से' हों, यह पूरी तरह से यहां की सरकार पर निर्भर करता है।

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मिलर ने जोर देकर कहा कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में यूरोपीय संघ सुधारों को लागू करने की विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने मौलिक अधिकारों, कानून के शासन और उचित प्रक्रिया का पालन करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने यूरोपीय संघ के राजदूत के हवाले से कहा, "हमें लगता है कि यहां आम चुनाव की तारीख पर कोई भी निर्णय बांग्लादेश का निर्णय है। यूरोपीय संघ का आप पर जल्दी या देर से चुनाव कराने के लिए दबाव डालने की मंशा नहीं है। ऐसा करना वास्तव में हमारा काम नहीं है। हम चाहते हैं कि आपका राजनीतिक परिवर्तन, एक सफल परिवर्तन हो। हम आपके सुधारवादी एजेंडे को लागू करने में मदद करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर सकते हैं।"

इस महीने की शुरुआत में मिलर ने कहा था कि राष्ट्रीय चुनाव कराने से पहले देश में आवश्यक सुधार पूरे कर लिए जाने चाहिए। उन्होंने ये टिप्पणियां ढाका में नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित बांग्लादेश के राजनयिक संवाददाता संघ (डीसीएबी) के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान की थीं।

मिलर ने कहा, "हमें उम्मीद है कि राजनीतिक दल और अंतरिम सरकार सुधारों की दिशा में मिलकर काम करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय संघ चाहता है कि चुनाव अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय तरीके से हों। एक सवाल के जवाब में मिलर ने कहा कि यूरोपीय संघ भी चुनाव के लिए सहायता प्रदान करने में रुचि रखता है, लेकिन तब जब बांग्लादेश सरकार यह तय कर ले कि चुनाव कब कराने हैं।

इस बीच, जापान की अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने दोहराया कि देश का अगला आम चुनाव इस साल दिसंबर और अगले साल जून के बीच कभी भी होगा।

मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, "यूनुस ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री तारो आसो से कहा कि चुनाव इस साल दिसंबर से अगले साल जून के बीच होंगे। उन्होंने छह महीने की समय-सीमा तय की है और चुनाव उसी अवधि में करवाए जाएंगे।"

दूसरी ओर, बिगड़ते राजनीतिक संकट के बीच बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली की मांग तेज हो गई है। इस सप्ताह की शुरुआत में, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चेतावनी दी थी कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल निकट भविष्य में चुनाव कराने की किसी योजना के अभाव में और भी बदतर होने वाली है।

इससे पहले बीएनपी स्थायी समिति के सदस्य मिर्जा अब्बास ने अंतरिम सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह सरकार “सिर से पैर तक सड़ी हुई” है।

उन्होंने चेतावनी दी, "अगर यह सरकार इसी तरीके से देश चलाती रही तो नुकसान अवामी लीग से भी ज्यादा हो जाएगा।"

उन्होंने बीएनपी के केंद्रीय कार्यालय के सामने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "यह सरकार ऊपर से सड़ रही है। यह नीचे तक सड़ चुकी है। वे चुनाव के बाद सुधारों की बात करते हैं। लेकिन, अगर वे नौ महीने में ऐसा नहीं कर सके, तो वे नौ साल या 90 साल में भी ऐसा नहीं करेंगे। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए और हट जाना चाहिए।"

अब्बास ने अंतरिम सरकार के शासन को "औपनिवेशिक शासन" बताया। बीएनपी नेता ने कहा, "यह एक औपनिवेशिक सरकार है। इसके ज़्यादातर सदस्य, शायद 90 प्रतिशत, इस देश के नागरिक भी नहीं हैं। लेकिन, ये बाहरी लोग अब हमारे कंधों पर बैठे हैं।"

देश में प्रशासनिक सुधारों और चुनाव कराने के लिए स्पष्ट रोडमैप की कमी ने बांग्लादेश में एक बड़ी राजनीतिक अशांति को बढ़ावा दिया, क्योंकि यूनुस ने पिछले सप्ताह विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ कई बैठकें कीं, जो उनकी विवादास्पद नीतियों और उनके संदिग्ध सलाहकारों के प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं।

जैसे-जैसे यूनुस पर दबाव बढ़ता गया, उन्होंने पहले हताशा में इस्तीफा देने की इच्छा व्यक्त की थी। इस घटनाक्रम ने देश भर के राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा पैदा कर दी थी।

बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने कहा है कि अगला राष्ट्रीय चुनाव दिसंबर तक हो जाना चाहिए और "स्वतंत्र और निष्पक्ष" चुनाव संपन्न होने के बाद 1 जनवरी, 2026 तक एक निर्वाचित सरकार सत्ता में आ जानी चाहिए।

--आईएएनएस

जीकेटी/एबीएम

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