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क्या है B-2 स्टील्थ बॉम्बर, जिससे अमेरिका ने ईरानी परमाणु ठिकानों को इया तबाह ? जानिए इसकी ताकत और तकनीक

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इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अब अमेरिका भी शामिल हो गया है। रविवार सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया। अमेरिकी हमले से हुए नुकसान की जानकारी तो सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इस हमले में ईरानी ठिकाने तबाह हो गए हैं। अमेरिका ने इस हमले में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो काफी गहराई तक छिपे ठिकानों को भेदने में सक्षम है। यहां हम बता रहे हैं कि बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स क्या हैं, ये कितने खतरनाक हैं और इनकी खासियत क्या है?

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स क्या है?

बी-2 स्पिरिट नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन द्वारा विकसित एक अमेरिकी स्टील्थ बॉम्बर विमान है। इसे आमतौर पर बी-2 बॉम्बर के नाम से जाना जाता है। इसे बेहतरीन स्टील्थ तकनीक, लंबी उड़ान रेंज और भारी हथियार ले जाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसे पहली बार 1980 के दशक में डिजाइन किया गया था और 1997 में यह पूरी तरह से सेवा में आया।

बी-2 बॉम्बर की खासियतें
बी-2 का डिजाइन और इसके निर्माण में इस्तेमाल की गई खास धातु इसे रडार की पकड़ में आने से बचाती है। इसका फ्लाइंग-विंग डिज़ाइन और रडार-शोषक कोटिंग इसे लगभग अदृश्य बनाती है।
यह 18 टन तक के भारी हथियार ले जा सकता है, जिसमें परमाणु बम, पारंपरिक बम और सटीक-निर्देशित हथियार शामिल हैं।
यह विमान बिना ईंधन भरे लगभग 11,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है, हवा में ईंधन भरने की क्षमता इसकी सीमा को और भी बढ़ा देती है।
यह दुनिया के सबसे महंगे विमानों में से एक है, जिसकी प्रति यूनिट लागत लगभग 2 बिलियन डॉलर है। इसे दो पायलट संचालित करते हैं।
यह विमान दो 15-टन बंकर-बस्टर बम ले जा सकता है, जो केवल अमेरिका के पास है। इनसे ईरान पर हमला किया जा चुका है।

B-2 बॉम्बर कितना खतरनाक है?

B-2 बॉम्बर की स्टील्थ क्षमता इसे दुश्मन के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों से बचने में सक्षम बनाती है, जिससे यह गुप्त हमले करने में सक्षम है। यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जा सकता है, जिससे भारी नुकसान हो सकता है। यह विमान बिना रुके हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है और सटीक हमले करने में सक्षम है।

B-2 को वैश्विक स्तर पर त्वरित और गुप्त हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इसे युद्ध में गेम-चेंजर बनाता है। यह कमांड सेंटर, एयर डिफेंस सिस्टम और बंकर जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए आदर्श है।

B-2 का इस्तेमाल कोसोवो युद्ध (1999), अफगानिस्तान (2001), इराक युद्ध (2003) और लीबिया (2011) में किया गया था। अब, 14 साल बाद, इसका इस्तेमाल ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया है।

अमेरिका के पास 20 B-2 बॉम्बर विमान हैं

B-2 बॉम्बर दुनिया के सबसे महंगे विमानों में से एक है। एक विमान की कीमत करीब दो बिलियन डॉलर है। इसका रख-रखाव और इस्तेमाल बहुत महंगा है। अमेरिकी वायुसेना के पास भी सिर्फ़ 20 बी-2 विमान हैं। बी-2 बॉम्बर अपनी स्टील्थ तकनीक, लंबी दूरी और भारी हथियारों की वजह से बेहद ख़तरनाक है। हालाँकि, इसकी ज़्यादा कीमत और सीमित संख्या की वजह से इसे हर मिशन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

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