हिंदू धर्म में व्रत-त्योहारों का विशेष महत्व है। खासतौर पर महिलाएं पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए साल भर में कई पवित्र व्रत रखती हैं। करवा चौथ, वट सावित्री और तीज जैसे व्रतों का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से विशेष स्थान है। हाल ही में देशभर में वट सावित्री व्रत पूरे श्रद्धा और विधि-विधान के साथ मनाया गया, जिसमें महिलाओं ने वटवृक्ष की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना की। अब सवाल यह है कि अगला व्रत कौन-सा है जो महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखेंगी? इसका उत्तर है – हरियाली तीज, जो श्रावण मास में अत्यंत श्रद्धा से मनाई जाती है। यह व्रत शिव-पार्वती की भक्ति और विवाहित जीवन में सुख-शांति की स्थापना के लिए रखा जाता है।
हरियाली तीज 2025 की तिथि – Hariyali Teej Date 2025हरियाली तीज हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह तिथि मंगलवार, 26 जुलाई की रात 10:41 बजे से शुरू होकर बुधवार, 27 जुलाई की रात 10:42 बजे तक रहेगी।
उदयातिथि के अनुसार, हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई 2025 (बुधवार) को मनाया जाएगा।
हरियाली तीज का धार्मिक महत्वहरियाली तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है। यह व्रत मुख्यतः सुहागन महिलाएं रखती हैं, जो अपने पति के स्वस्थ और दीर्घ जीवन की कामना करती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने कई वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और देवी पार्वती से अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। यह व्रत उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
हरियाली तीज 2025 की पूजा विधि – Hariyali Teej 2025 Puja Vidhiहरियाली तीज व्रत को विधिपूर्वक करने से जीवन में सुख-शांति, वैवाहिक प्रेम और पारिवारिक खुशहाली बनी रहती है। आइए जानें इसकी पूजन विधि:
व्रत की पूर्व संध्या पर सात्विक भोजन ग्रहण करें।
व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
16 श्रृंगार करें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
पूजा घर में दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें।
संध्या काल में पूजा के लिए चौकी पर पीले या लाल वस्त्र बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
देवी पार्वती को सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी आदि सुहाग सामग्री अर्पित करें।
भगवान शिव को धूप, दीप, फल-फूल अर्पित करें।
हरियाली तीज व्रत कथा का श्रवण करें और फिर आरती करें।
अगले दिन प्रातः काल शिव-पार्वती का ध्यान करके व्रत का पारण करें।
इस पर्व को "हरियाली तीज" कहा जाता है क्योंकि यह सावन के महीने में आता है जब प्रकृति हरीतिमा से भर जाती है। पेड़-पौधे, झूले, गीत-संगीत और स्त्रियों के रंग-बिरंगे वस्त्र इस पर्व को और भी मनोरम बना देते हैं। यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पारिवारिक जुड़ाव का भी प्रतीक है।
निष्कर्षवट सावित्री के बाद अब महिलाएं हरियाली तीज के लिए तैयार हो रही हैं। यह केवल व्रत नहीं, बल्कि श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। 27 जुलाई 2025 को जब महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा कर व्रत रखेंगी, तो यह न केवल उनके पति के लिए दीर्घायु का वरदान होगा, बल्कि उनके वैवाहिक जीवन को भी नई ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भर देगा।
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