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पहलगाम हमला: पहलगाम में नरसंहार करने वाले टीआरएफ का पाकिस्तान से सीधा संबंध, यूएनएससी में साबित

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पहलगाम हमला: पहलगाम में नरसंहार करने वाले टीआरएफ का पाकिस्तान से सीधा संबंध, यूएनएससी में साबित

News India Live,Digital Desk:पहलगाम हमला: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष संलिप्तता के आरोप लगे हैं, जिसमें 27 पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि यह हमला द रेजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) नामक आतंकवादी संगठन द्वारा किया गया है , जिसके पाकिस्तानी सेना और सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध होने का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में हमले की निंदा करने वाले बयान से टीआरएफ का नाम बाहर रखने के लिए काफी दबाव डाला, जिससे उसकी संदिग्ध भूमिका उजागर हो गई।

हमले का विवरण

पहलगाम में हुए इस हमले में आतंकवादियों ने 27 पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया। टीआरएफ ने प्रारंभ में हमले की जिम्मेदारी ली थी। ऐसा माना जाता है कि टीआरएफ का गठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा किया गया है और इस संगठन को पाकिस्तानी सेना से समर्थन प्राप्त है। हालाँकि, पाकिस्तान ने हमेशा इससे इनकार किया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का कदम

यूएनएससी ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया, लेकिन इसमें टीआरएफ का नाम शामिल नहीं था। ऐसा इसलिए है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का वर्तमान अस्थायी सदस्य पाकिस्तान, बयान में टीआरएफ का नाम न लेने पर अड़ा हुआ है। चीन भी पाकिस्तान के समर्थन में आया और अमेरिका के साथ लंबी चर्चा के बाद पाकिस्तान टीआरएफ का नाम हटाने में सफल हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बयान में टीआरएफ का नाम सामने आता तो इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच होती, जिससे पाकिस्तान की संलिप्तता उजागर हो जाती।

पाकिस्तान और टीआरएफ के बीच नया ड्रामा

हैरानी की बात यह है कि अब टीआरएफ भी अपने शुरुआती दावे से पीछे हट गया है। उन्होंने पहले इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अब उनका कहना है कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर साइबर हमला हुआ, जिसके कारण यह झूठा दावा किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा है। पहले उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि टीआरएफ का नाम यूएनएससी में न आए और अब उन्होंने टीआरएफ से अपना दावा वापस लेने को कहा, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई कार्रवाई न हो और पाकिस्तान की प्रतिष्ठा पर आंच न आए।

पिछला इतिहास

जैश-ए-मोहम्मद ने 2019 में एक आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी और इसका नाम यूएनएससी के बयान में शामिल किया गया था। लेकिन इस बार पाकिस्तान विशेष रूप से इस बात पर अड़ा रहा कि टीआरएफ का नाम न लिया जाए, जिससे उसकी संदिग्ध भूमिका स्पष्ट हो जाती है।

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