News India Live, Digital Desk: Astrology : कहते हैं ज्योतिष और ग्रह-नक्षत्रों का हमारी ज़िंदगी पर गहरा असर पड़ता है। सभी नौ ग्रहों में चंद्रमा को मन, भावनाओं और माता का कारक माना गया है। लेकिन कभी-कभी कुंडली में यही चंद्रमा अपनी खराब स्थिति के कारण ‘चंद्र दोष’ बना देता है, जो व्यक्ति के जीवन में तूफान ला सकता है!
क्या है ये चंद्र दोष और क्यों होता है इतना खतरनाक?
जब किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है या अशुभ ग्रहों के साथ बैठ जाता है, तो उसे चंद्र दोष कहते हैं। इसका सीधा असर व्यक्ति के मन और भावनाओं पर पड़ता है। ऐसे लोग अक्सर बहुत ज़्यादा भावुक हो जाते हैं, छोटी-छोटी बात पर तनाव लेने लगते हैं, उनका मन अशांत रहता है, एकाग्रता में कमी आती है और तो और कुछ गंभीर मामलों में तो मानसिक परेशानियां या डिप्रेशन जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं। वे बहुत जल्दी बेचैन और भ्रमित हो सकते हैं। इसे आम भाषा में ‘पागल’ जैसी स्थिति से जोड़ा जाता है, लेकिन यह मानसिक अस्थिरता या निर्णय न ले पाने की स्थिति होती है। साथ ही, माता के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
तो क्या है इस समस्या का समाधान?
ज्योतिष शास्त्र में ऐसे दोषों से मुक्ति के लिए ग्रहों को मजबूत करने के उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक शक्तिशाली उपाय है चंद्रमा को प्रसन्न करना और उनके मंदिरों के दर्शन करना। भारत में ऐसे कई दिव्य और चमत्कारी चंद्र मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से मन को शांति मिलती है और चंद्र दोष का प्रभाव कम होता है।
आइए जानते हैं भारत के कुछ प्रमुख चंद्र मंदिरों के बारे में:
चंद्रहास मंदिर, सीवान, बिहार: बिहार के सीवान जिले में स्थित यह मंदिर भगवान शिव और चंद्रदेव दोनों को समर्पित है। यहां दर्शन करने से मानसिक शांति मिलती है और चंद्र दोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
चंद्र मंदिर, किशनगढ़, राजस्थान: जयपुर के किशनगढ़ में बना यह मंदिर चंद्र देव का एक अद्भुत धाम है। माना जाता है कि यहां आने से चंद्र दोष से पीड़ित व्यक्ति को राहत मिलती है और उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह अपनी सुंदरता और शांत वातावरण के लिए भी प्रसिद्ध है।
सोमनाथ मंदिर, गुजरात (पुष्कर में चंद्र देव से जुड़ा एक चंद्र मंदिर भी है): गुजरात का सोमनाथ मंदिर भले ही भगवान शिव को समर्पित हो, लेकिन इसे भगवान चंद्रमा ने बनवाया था, जिन्होंने अपना श्राप मिटाने के लिए तपस्या की थी। यह चंद्रमा की महिमा और उनके पाप मुक्ति की कथा से जुड़ा है। यहां दर्शन से भी चंद्र दोष में लाभ मिलता है। इसी तरह, अजमेर के पास पवित्र पुष्कर झील के किनारे भी एक छोटा सा चंद्र मंदिर है, जहां लोग चंद्र दर्शन के लिए आते हैं।
श्री चंद्रशेखर स्वामी मंदिर, चंद्रनगरी, ओडिशा: ओडिशा के नयागढ़ जिले में स्थित यह मंदिर भगवान चंद्रशेखर (चंद्रमा का एक नाम) को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
बिल्लारेश्वर मंदिर, बुलढाणा, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में बसा बिल्लारेश्वर मंदिर भी भगवान चंद्रदेव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि यहां पूजा करने से चंद्रमा से जुड़े दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।
इन मंदिरों के दर्शन, चंद्रदेव की पूजा, चंद्रमा से संबंधित दान (जैसे चांदी, चावल, दूध) और सोमवार का व्रत रखने से चंद्र दोष के नकारात्मक प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है और व्यक्ति अपने जीवन में शांति और स्थिरता महसूस कर सकता है। तो अगर आपकी कुंडली में भी चंद्र दोष है, तो इन दिव्य स्थानों की यात्रा अवश्य करें।
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