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Cancer Treatment : कैंसर मरीजों की दूर होंगी मुश्किलें, दक्षिण कोरिया ने खोजी बिना साइड इफेक्ट वाला इलाज

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Cancer Treatment : कैंसर मरीजों की दूर होंगी मुश्किलें, दक्षिण कोरिया ने खोजी बिना साइड इफेक्ट वाला इलाज

News India Live, Digital Desk: Cancer Treatment : कैंसर… नाम सुनकर ही लोगों को सिहरन हो जाती है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके इलाज में मरीजों को अक्सर कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे दर्दनाक और साइड-इफेक्ट्स वाले उपचारों से गुजरना पड़ता है। लेकिन अब कैंसर से जूझ रहे लाखों मरीजों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी और उम्मीद की नई किरण सामने आई है!

दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अनोखा और प्रभावी तरीका ढूंढ निकाला है, जिससे कैंसर की कोशिकाओं को खास तौर पर खत्म किया जा सकेगा। इस खोज की सबसे बड़ी और क्रांतिकारी बात यह है कि यह नया तरीका शरीर की स्वस्थ (नॉर्मल) कोशिकाओं को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा!

मौजूदा वक्त में, कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी कैंसर कोशिकाओं के साथ-साथ स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित करती हैं, जिसके कारण मरीज को भयानक साइड-इफेक्ट्स (जैसे बाल झड़ना, कमजोरी, उल्टी, संक्रमण) झेलने पड़ते हैं। यह नई खोज इस चुनौती को पूरी तरह से बदल सकती है।

कैसे काम करेगा यह नया तरीका?

फिलहाल इस नई तकनीक का विस्तृत ब्योरा जारी नहीं किया गया है, लेकिन मुख्य बिंदु यही है कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मार्ग खोज लिया है जिसके ज़रिये सिर्फ और सिर्फ कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को निशाना बनाया जा सकेगा। इसका मतलब है कि दवा या उपचार सीधा उन खराब कोशिकाओं पर वार करेगा, जबकि शरीर के बाकी स्वस्थ हिस्से अछूते रहेंगे।

कैंसर मरीजों के लिए यह बड़ी खबर क्यों है?

  • कम होंगे साइड-इफेक्ट्स: यह सबसे बड़ी राहत होगी। मरीजों को इलाज के दौरान होने वाले गंभीर दुष्प्रभाव (कीमो या रेडिएशन के कारण) से छुटकारा मिलेगा।

  • बेहतर जीवन गुणवत्ता: मरीज इलाज के दौरान बेहतर महसूस कर पाएंगे और उनकी जीवन की गुणवत्ता सुधरेगी।

  • प्रभावी उपचार: यह तरीका कैंसर के उपचार को और भी सटीक और प्रभावी बना सकता है, जिससे सफल इलाज की संभावना बढ़ेगी।

  • उम्मीद की किरण: यह खोज उन मरीजों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है जिनका कैंसर अब तक के पारंपरिक उपचारों के प्रति प्रतिरोधी रहा है।

हालांकि यह अभी शोध के शुरुआती या प्री-क्लिनिकल चरण में हो सकता है और इंसानों पर इसका व्यापक इस्तेमाल शुरू होने में समय लग सकता है, पर यह वाकई चिकित्सा जगत में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह दर्शाता है कि वैज्ञानिक लगातार इस जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए नई और बेहतर राहें खोज रहे हैं।

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