News India Live, Digital Desk: International Relations : हाल ही में भारत और जॉर्डन ने अपनी दोस्ती और साझेदारी को और गहरा करने की बात दोहराई है. दोनों देशों ने इस बात पर फिर से सहमति जताई है कि वे मिलकर कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करेंगे. यह कदम दिखाता है कि भारत, पश्चिमी एशिया के देशों के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है.आखिर ये 'अहम क्षेत्र' कौन से हैं, जहाँ दोनों देश एक साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं? इसमें कई चीजें शामिल हैं, जैसे - व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना. यानी, दोनों देशों के व्यापारी आसानी से एक-दूसरे के यहाँ अपना सामान बेच और खरीद सकें और दोनों देशों की कंपनियों के बीच निवेश बढ़ सके. इसके अलावा, रक्षा और सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहाँ दोनों देश मिलकर आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए रणनीतियां साझा कर सकते हैं.साथ ही, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को भी बढ़ाने की बात कही गई है. इसका मतलब है कि छात्र, पर्यटक और कलाकार एक-दूसरे के देशों में आ-जा सकें और एक-दूसरे की संस्कृति को समझ सकें. इससे सिर्फ संबंध ही नहीं सुधरते, बल्कि समझदारी और भरोसा भी बढ़ता है.भारत और जॉर्डन के बीच वैसे भी काफी अच्छे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. दोनों ही देश शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं. जॉर्डन मध्य-पूर्व में एक स्थिर और महत्वपूर्ण देश है, और उसके साथ भारत के मजबूत रिश्ते इस क्षेत्र में भारत की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाते हैं. यह पहल न केवल दोनों देशों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पश्चिमी एशिया क्षेत्र की शांति और आर्थिक स्थिरता में भी अपना योगदान देगी. आने वाले समय में हमें इन क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच और भी कई समझौते और संयुक्त परियोजनाएँ देखने को मिल सकती हैं.
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