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अमेरिकी सपना चुराया गया... H-1B वीजा पर ट्रंप प्रशासन का नया विज्ञापन, भारतीयों के सिर मढ़ा बड़ा आरोप

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वॉशिंगटन: अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के लेबर डिपार्टमेंट ने एक नया विज्ञापन जारी किया है। सोशल मीडिया पर जारी इस विज्ञापन में कंपनियों पर H-1B वीजा कार्यक्रम का दुरुपयोग करने और युवा अमेरिकियों की जगह विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने का आरोप लगाया गया है। डिपार्टमेंट ने खासतौर से भारतीयों पर अमेरिकी युवाओं की नौकरी छीनने का आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि H-1B वीजा प्रणाली से सबसे ज्यादा फायदा भारत ने उठाया है।

लेबर डिपार्टमेंट की ओर से एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा गया है कि युवा अमेरिकियों से उनका सपना छीन लिया गया। ऐसा हुआ क्योंकि H-1B वीजा के व्यापक दुरुपयोग के कारण उनकी नौकरियां विदेशी कर्मचारियों को दे दी गईं। हम कंपनियों को उनके दुरुपयोग के लिए जवाबदेह ठहरा रहे हैं और अमेरिकी लोगों के लिए अमेरिकी सपने को फिर से साकार कर रहे हैं।'


अमेरिकी सपने को फिर पानालेबर डिपार्टमेंट के विज्ञापन का वीडियो 51 सेकंड का है, जो 1950 के दशक के अमेरिकी सपने के दृश्यों- घरों, फैक्ट्रियों और खुशहाल दिखते परिवारों को आधुनिक आंकड़ों से जोड़ता है। विज्ञापन कहता है कि पीढ़ियों से हम अमेरिकियों से कहते आए हैं कि अगर वे कड़ी मेहनत करें तो फिर से अमेरिकी सपने को साकार कर सकते हैं।

विज्ञापन में कहा गया है कि राजनेताओं और नौकरशाहों ने कंपनियों को H-1B वीजा का दुरुपयोग करने की अनुमति दी। इसमें भी 72 प्रतिशत H-1B वीजा मंजूरी भारतीयों को मिलती हैं। वीडियो कहता है कि ट्रंप भर्ती प्रक्रिया में अमेरिकियों को प्राथमिकता देकर अमेरिकी लोगों के लिए अमेरिकी सपना फिर से साकार कर रहे हैं।

ट्रंप प्रशासन का अभियानH-1B वीजा को लेकर ट्रंप प्रशासन का रुख लगातार सख्त दिखाता है। लेबर डिपार्मटमेंट का यह विज्ञापन भी उसके प्रोजेक्ट फायरवॉल से मेल खाता है। श्रम विभाग ने इसे सितंबर 2025 में H-1B वीजा अनुपालन का ऑडिट करने के लिए शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कंपनियों को तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में अमेरिकी कर्मचारियों की जगह कम वेतन वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने से रोकना है।
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