इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारी बेइज्जती हुई है। इस बेइज्जती से परेशान पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने खुद मोर्चा संभालने का फैसला किया है। अब 3 सितंबर को बीजिंग में होने वाली मिलिट्री परेड में असीम मुनीर भी शामिल होंगे। पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि शहबाज शरीफ अकेले ही इस परेड में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह घटना बताती है कि पाकिस्तान में सत्ता का असली केंद्र सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर हैं। मुनीर को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से ज्यादा लोकप्रियता और महत्व प्राप्त है।
चीनी परेड में शामिल होंगे मुनीर
चीन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के साथ द्विपक्षीय बैठक में मुनीर भी मौजूद थे। हालांकि, बाद में वह कहीं नजर नहीं आए। अब 3 सितंबर तो मुनीर चीन के भव्य परेड में शामिल होंगे। इस परेड के दौरान चीन अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगा। इस परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत 26 देशों के राष्ट्राध्यक्ष दर्शक के रूप में शामिल होंगे। चीन ने इन विदेशी नेताओं की एक सूची भी जारी की है।
मुनीर करेंगे पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व
सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, असीम मुनीर चीन के साथ द्विपक्षीय बैठकों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद अब सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान चीन अलग-अलग देशों के साथ सुरक्षा बैठकें कर रहा है। इतना ही नहीं, मुनीर भी कई दूसरे देशों के साथ सुरक्षा बैठकों में पाकिस्तान की अगवानी करेंगे। ऐसी भी संभावना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इन बैठकों में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनकी भूमिका सिर्फ दर्शक की ही होगी। नीतिगत फैसले असीम मुनीर खुद करेंगे।
पाकिस्तान में सेना ही सब कुछ
दरअसल, पाकिस्तान में निर्वाचित शासनाध्यक्ष के बजाए सेना प्रमुख ही सत्ता का प्रमुख होता है। पाकिस्तान की विदेश नीति और रक्षा नीति को सेना ही आकार देती है। प्रधानमंत्री सिर्फ एक रबर स्टम्प होता है, जिसका इस्तेमाल दुनिया को दिखाने के लिए किया जाता है। यह बात पूरी दुनिया जानती है। यही कारण है कि खुद को लोकतंत्र का चैंपियन बताने वाला अमेरिका भी इन दिनों सीधे पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ डील कर रहा है। जबकि, अमेरिका आमतौर पर किसी सैन्य शासक को सरकारी मेहमान नहीं बनाता है।
चीनी परेड में शामिल होंगे मुनीर
चीन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के साथ द्विपक्षीय बैठक में मुनीर भी मौजूद थे। हालांकि, बाद में वह कहीं नजर नहीं आए। अब 3 सितंबर तो मुनीर चीन के भव्य परेड में शामिल होंगे। इस परेड के दौरान चीन अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेगा। इस परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत 26 देशों के राष्ट्राध्यक्ष दर्शक के रूप में शामिल होंगे। चीन ने इन विदेशी नेताओं की एक सूची भी जारी की है।
मुनीर करेंगे पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व
सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, असीम मुनीर चीन के साथ द्विपक्षीय बैठकों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे। चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद अब सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान चीन अलग-अलग देशों के साथ सुरक्षा बैठकें कर रहा है। इतना ही नहीं, मुनीर भी कई दूसरे देशों के साथ सुरक्षा बैठकों में पाकिस्तान की अगवानी करेंगे। ऐसी भी संभावना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इन बैठकों में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनकी भूमिका सिर्फ दर्शक की ही होगी। नीतिगत फैसले असीम मुनीर खुद करेंगे।
पाकिस्तान में सेना ही सब कुछ
दरअसल, पाकिस्तान में निर्वाचित शासनाध्यक्ष के बजाए सेना प्रमुख ही सत्ता का प्रमुख होता है। पाकिस्तान की विदेश नीति और रक्षा नीति को सेना ही आकार देती है। प्रधानमंत्री सिर्फ एक रबर स्टम्प होता है, जिसका इस्तेमाल दुनिया को दिखाने के लिए किया जाता है। यह बात पूरी दुनिया जानती है। यही कारण है कि खुद को लोकतंत्र का चैंपियन बताने वाला अमेरिका भी इन दिनों सीधे पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ डील कर रहा है। जबकि, अमेरिका आमतौर पर किसी सैन्य शासक को सरकारी मेहमान नहीं बनाता है।
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