नई दिल्ली/रीवा : आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मध्य प्रदेश के रीवा में TRS कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। सेना प्रमुख ने यहां उन्होंने देश के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों के बदलते स्वरूप पर बात की। जनरल द्विवेदी ने जमीन, हवा, पानी और अंतरिक्ष सहित कई क्षेत्रों में काम करने के लिए सेना के तैयार रहने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अफवाहों और गलत सूचनाओं के फैलने का उदाहरण देते हुए, इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर के खतरे पर भी प्रकाश डाला। भविष्य की चुनौतियों के संदर्भ में जनरल द्विवेदी ने कहा कि आज ट्रंप क्या कर रहे हैं? मुझे लगता है कि ट्रंप को भी नहीं पता कि वह कल क्या करने वाले हैं।
भविष्य में क्या होगा... मुझे आपको नहीं पता
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल द्विवेदी ने कहा कि जिस तरह से अफवाहें फैलाई जाती हैं, जैसा कि आपने ऑपरेशन सिंदूर में सुना, कराची पर हमला हुआ है। ऐसी बहुत सारी खबरें आईं, जो हमें भी खबर जैसी लगीं। ये कहां से आईं, किसने किया?... इन सभी चुनौतियों के दायरे में, आपको जमीन, आसमान, पानी और तीनों पर काम करना है।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भविष्य में अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता होगी, जिससे उभरते खतरों का अंदाजा लगाना और उनके लिए तैयारी करना मुश्किल होगा। सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की चुनौतियां आ रही हैं। वे हैं अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता... आपको और मुझे बिल्कुल नहीं पता कि भविष्य में क्या होने वाला है।
तेजी से आ रही नई चुनौतियां
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई चुनौतियां तेजी से सामने आ रही हैं, और जब तक एक चुनौती से निपटा जाता है, तब तक दूसरी चुनौती सामने आ जाती है और उन्होंने आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाओं, साइबर वॉरफेयर, स्पेस वॉरफेयर और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर सहित कई तरह के खतरों के लिए तैयार रहने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि चुनौतियां इतनी तेजी से आ रही हैं कि जब तक आप एक पुरानी चुनौती को समझने की कोशिश करते हैं, तब तक एक नई चुनौती सामने आ जाती है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी सेना को भी इन्हीं सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चाहे वह बॉर्डर पर हो, आतंकवाद हो, प्राकृतिक आपदाएं हों, या साइबर वॉरफेयर हो। जो नई चीजें शुरू हुई हैं: स्पेस वॉरफेयर, सैटेलाइट, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर शामिल है।
भविष्य में क्या होगा... मुझे आपको नहीं पता
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल द्विवेदी ने कहा कि जिस तरह से अफवाहें फैलाई जाती हैं, जैसा कि आपने ऑपरेशन सिंदूर में सुना, कराची पर हमला हुआ है। ऐसी बहुत सारी खबरें आईं, जो हमें भी खबर जैसी लगीं। ये कहां से आईं, किसने किया?... इन सभी चुनौतियों के दायरे में, आपको जमीन, आसमान, पानी और तीनों पर काम करना है।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि भविष्य में अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता होगी, जिससे उभरते खतरों का अंदाजा लगाना और उनके लिए तैयारी करना मुश्किल होगा। सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की चुनौतियां आ रही हैं। वे हैं अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता... आपको और मुझे बिल्कुल नहीं पता कि भविष्य में क्या होने वाला है।
तेजी से आ रही नई चुनौतियां
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई चुनौतियां तेजी से सामने आ रही हैं, और जब तक एक चुनौती से निपटा जाता है, तब तक दूसरी चुनौती सामने आ जाती है और उन्होंने आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाओं, साइबर वॉरफेयर, स्पेस वॉरफेयर और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर सहित कई तरह के खतरों के लिए तैयार रहने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि चुनौतियां इतनी तेजी से आ रही हैं कि जब तक आप एक पुरानी चुनौती को समझने की कोशिश करते हैं, तब तक एक नई चुनौती सामने आ जाती है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी सेना को भी इन्हीं सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चाहे वह बॉर्डर पर हो, आतंकवाद हो, प्राकृतिक आपदाएं हों, या साइबर वॉरफेयर हो। जो नई चीजें शुरू हुई हैं: स्पेस वॉरफेयर, सैटेलाइट, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर शामिल है।
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