माधव सिंह, रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली की क्राइम ब्रांच ने नगर पालिका परिषद के खाते से साढ़े तीन करोड़ रुपये की ठगी का मामला सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी सगे भाई हैं, जिनमें से एक नगर पालिका में कंप्यूटर ऑपरेटर था। पूरा मामला आरोपी विक्रम शर्मा ने सबसे पहले 2022 में नगर पालिका कर्मचारियों के एनपीएस- नेशनल पेंशन स्कीम खातों से पैसे गबन किए थे। मामला खुलने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उसे जेल भेज दिया गया। हालांकि, जमानत मिलने के बाद वह फिर से घोटालेबाजी में लग गया।
डिजिटल सिग्नेचर का किया गया गलत इस्तेमाल
2023 में विक्रम ने अपने घर से ही प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत आवंटित साढ़े तीन करोड़ रुपये को सीतापुर और मेरठ के खातों में ट्रांसफर कर दिया। इसके लिए उसने नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) के डिजिटल सिग्नेचर और आधार कार्ड की कॉपी का इस्तेमाल किया।
विक्रम के पास ये दस्तावेज पहले से ही मौजूद थे, जिन्हें उसने अपडेट करके धन हस्तांतरण का काम अंजाम दिया। इस पूरे घोटाले में उसके सहयोगी जसवंत शर्मा ने भी मदद की। मामला तब सामने आया जब नगर पालिका के एक कर्मचारी को खाते से पैसे निकलने का अलर्ट मिला। इसकी जानकारी मिलते ही पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।
कार्यकारी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने विक्रम और जसवंत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही, क्राइम ब्रांच ने विवेचना के दौरान ही चोरी किए गए पैसे को वापस नगर पालिका के खाते में जमा करवा दिया। दोनों आरोपी जमानत पर छूटने के बाद फिर से गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया
एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले में गहन जांच चल रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सरकारी विभागों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की सलाह भी दी है।
डिजिटल सिग्नेचर का किया गया गलत इस्तेमाल
2023 में विक्रम ने अपने घर से ही प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत आवंटित साढ़े तीन करोड़ रुपये को सीतापुर और मेरठ के खातों में ट्रांसफर कर दिया। इसके लिए उसने नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) के डिजिटल सिग्नेचर और आधार कार्ड की कॉपी का इस्तेमाल किया।
विक्रम के पास ये दस्तावेज पहले से ही मौजूद थे, जिन्हें उसने अपडेट करके धन हस्तांतरण का काम अंजाम दिया। इस पूरे घोटाले में उसके सहयोगी जसवंत शर्मा ने भी मदद की। मामला तब सामने आया जब नगर पालिका के एक कर्मचारी को खाते से पैसे निकलने का अलर्ट मिला। इसकी जानकारी मिलते ही पूरे विभाग में हड़कंप मच गया।
कार्यकारी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने विक्रम और जसवंत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही, क्राइम ब्रांच ने विवेचना के दौरान ही चोरी किए गए पैसे को वापस नगर पालिका के खाते में जमा करवा दिया। दोनों आरोपी जमानत पर छूटने के बाद फिर से गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया
एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले में गहन जांच चल रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सरकारी विभागों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की सलाह भी दी है।
You may also like
हे भगवान! पंखा बंद करने को कहा ताे पिता ने इकलौते बेटे को मार डाला, पोते के बर्थडे पर खाैफनाक घटना
उज्जैनः रात 12 बजे खुले नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, दर्शन के लिए लगी लम्बी कतार
उज्जैनः नागचन्द्रेरश्वर भगवान के पट खुले पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत ने की पूजा
फूफा मेरी जान! फिर शादी के 34वें दिन पति की हत्या, 15 साल वाला राज़ भी बेपर्दा
लोक सभा में हंगामा, राजस्थान का झालावाड़ स्कूल त्रासदी मामले ने ऐसे पकड़ा यहां तूल