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दिल्ली-मुंबई की ट्रेनों में लंबा रिग्रेट, रेलवे के नए नियम के चलते अब वेटिंग मिलना हुआ मुश्किल

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सुशील कुमार, लखनऊ: ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलने की जद्दोजहद के बीच अब वेटिंग टिकट भी मुश्किल हो गया है। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर सेंटर फॉर रेलवे इंफर्मेशन सिस्टम (क्रिस) में 15 जून से हुए बदलाव के बाद टिकटिंग व्यवस्था प्रभावित हो गई है। रेलवे के नए नियम के मुताबिक अब ट्रेन में श्रेणी के अनुसार जितनी सीटें होंगी, उन सीटों की तुलना में मात्र 25 फीसदी ही वेटिंग टिकट दिए जाएंगे। रेलवे के इस नए नियम ने वेटिंग टिकट के लिए भी जद्दोजहद बढ़ा दी है। इसका असर यह है कि लखनऊ से दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों में रिग्रेट (REGRET) बढ़ गया है।



रिग्रेट का मतलब है कि उस ट्रेन के लिए उस खास क्लास में कोई सीट उपलब्ध नहीं है और वेटिंग लिस्ट या RAC (Reservation Against Cancellation) का कोटा भी पूरा हो चुका है। इसका मतलब है कि आप उस ट्रेन में उस तारीख के लिए टिकट बुक नहीं कर सकते।



लखनऊ से दिल्ली जाने के लिए लखनऊ मेल, एसी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में एक दिन पहले या चार्ट के बनने के पहले तक वेटिंग टिकट मिल जाते थे, लेकिन अब आलम यह हो गया है कि इन ट्रेनों में सात-आठ दिन पहले से ही रिग्रेट आ गया है। 28 जून को शाम छह बजे आईआरसीटीसी के टिकट बुकिंग ऐप पर लखनऊ मेल में 5 जुलाई तक रिग्रेट है। सबसे ज्यादा खराब स्थित थर्ड एसी इकॉनमी और थर्ड एसी का है।



स्लीपर की स्थिति तो पहले ही जनरल जैसी रह गई है। यही हाल सेकेंड एसी का भी है। मुंबई जैसे लंबी दूरी वाले शहरों की हालत और खराब हो गई है। लखनऊ से या यहां से होकर मुंबई जाने वाली थर्ड एसी कोच में 10 से 30 जुलाई तक रिग्रेट हो गया है। जबकि, आवागमन के लिहाज से यह समय कम लोड वाला होता है, तब यह हाल है। त्योहारों या सहालग के समय यह परेशानी और बढ़ेगी।



वेटिंग टिकट के कन्फर्मेशन की बढ़ीं संभावनाएं

रेलवे के नए नियम से टिकट न मिलने की मुश्किलें बढ़ गई हैं, लेकिन वेटिंग टिकट वालों के लिए यह राहत की तरह भी है। अधिकांश वेटिंग टिकटों के कन्फर्म होने की उम्मीद बढ़ गई है। साथ ही वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित कोच कब्जाने की घटनाएं भी कम होने की उम्मीद हैं।



क्या हो सकती हैं दिक्कतें?

ट्रेनों में वेटिंग पर अंकुश से रेलवे अब वास्तविक भीड़ और आगामी दिनों में डिमांड का आकलन लगाने में भी मुश्किलों का सामना करेगा। इससे त्योहारों या गर्मी के दिनों में स्पेशल ट्रेन चलाने में मुश्किल होगी। अभी तक स्पेशल ट्रेनें वेटिंग को देख कर चलाई जाती रही हैं। 25 फीसदी के बाद पता नहीं चल पाएगा कि कितने यात्रियों को सीट नहीं मिल पा रही है। कुल उपलब्ध सीटों पर महज 25 फीसदी अतिरिक्त भीड़ का ही आकलन हो सकेगा, जबकि भीड़ कुल सीटों की दोगुनी है। ऐसे में त्योहारों और गर्मी की छुट्टियों में स्पेशल ट्रेनें चलाना मुश्किल हो जाएगा।



प्रमुख ट्रेनों का हाल

ट्रेन कब तक रिग्रेट (3एसी)

(मुंबई जाने वाली)

20104 गोरखपुर एलटीटी सुपरफास्ट 21 जुलाई

12533 पुष्पक एक्सप्रेस 10 जुलाई

22537 कुशीनगर एक्सप्रेस 20 जुलाई

19038 अवध एक्सप्रेस 30 जुलाई



(दिल्ली जाने वाली)

12229 लखनऊ मेल 05 जुलाई

12225 कैफियात एक्सप्रेस 20 अगस्त

12555 गोरखधाम एक्सप्रेस 02 जुलाई

22419 सुहेलदेव सुपरफास्ट 02 जुलाई

12557 सप्तक्रांति एक्सप्रेस 02 जुलाई

14205 अयोध्या एक्सप्रेस 15 जुलाई

12391 श्रमजीवी एक्सप्रेस 08 जुलाई

12565 बिहार सप्तक्रांति एक्सप्रेस 08 जुलाई

12553 वैशाली एक्सप्रेस 13 जुलाई

12523 न्यूजलपाईगुड़ी नई दिल्ली एक्सप्रेस 06 जुलाई

नोट: इन ट्रेनों के स्लीपर, सेकेंड एसी कोच का भी लगभग यही हाल है।

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