लेखक: आलोक सिंह भदौरिया
भारत एक कृषि प्रधान देश है, बचपन में पढ़ा था। लेकिन मुझे भरोसा नहीं हुआ। बचपन से लेकर आज तक यही लगा कि हम लोग नाटक प्रधान देश हैं। केवल नाटक प्रधान ही नहीं वीर रस प्रधान भी हैं। इतना वीर रस प्रधान हैं कि प्रधानी का चुनाव तक बिना वीर रस के कंप्लीट नहीं होता।
आज से 50-60 साल पहले गांवों में नाटक, नौटंकी आता था। शादी ब्याह के सीजन में, फसल कटे तो उसके बाद, फसल बिके तो उसके बाद, तीज-त्योहार, चैत, सावन, कातिक मतलब हर सीजन में नाटक नौटंकी। उस नौटंकी में मेन होता था एक मुंशी, मुंशी मतलब आज का कॉमेडियन। गांव भर की जनता की आंख का तारा। उसकी एक-एक हरकत पर पब्लिक ‘मैं वारी वारी जाऊं’ हो जाती थी।
ऐसी ही एक नौटंकी में नाच हो रहा था, महफिल जमी थी कि मुंशी अचानक उखड़ गया। नौटंकी की चमकदार ड्रेस वहीं स्टेज पर उतार दी। एकदम लंगोट, बनियान में आ गया। चिल्लाने लगा, मैं जा रहा हूं, मुझसे नहीं होगा, इतनी बेज्जती बर्दाश्त नहीं, मेरा हिसाब कर दो वगैरह वगैरह। नौटंकी का मालिक मतलब आजकल का प्रड्यूसर आया। खूब हाथ-पैर जोड़े, पब्लिक भी सन्न। मस्त मजा चल रहा था, इसे क्या हो गया?
लेकिन मुंशी टस से मस न हो। माने ही न, पहले आधा गांव जुटा था, हल्ला सुनकर पूरा गांव जुट गया। जिसके दरवाजे नौटंकी आई थी आखिर में उसने पूछा, बात क्या है मुंशी? मुंशी ने आंखों में आंसू लाकर, भावुक होकर स्टेज के सामने बैठे एक बुढ़ऊ की ओर उंगली उठाकर कहा, ये ताऊ तब से हमारी नौटंकी की नचनिया को एकटक देख रहे हैं। हमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है... पूरा गांव हंस पड़ा। नौटंकी दोगुनी स्पीड़ से चालू हो गई। अब शॉर्ट, रील, OTT, वेब सीरीज, सीक्वल न जाने क्या-क्या हो रहा है, है सब नौटंकी ही।
वीर रस का तो ऐसा हाल था कि सुयोग्य वर खोजने से पहले वधू पक्ष अपनी सामरिक स्थिति मजबूत करता था। पड़ोसी राज्यों से संधि करता था कि फेरों से लेकर एटहोम तक अगर बवाल होता है तो हमारी तरफ से युद्ध कीजिएगा। वीर भोग्या वसुंधरा को चरितार्थ करने वाले बुंदेलखंड में आल्हा-उदल की कहानियों के चंद्रावल का डोला, आल्हा मनउआ, बेतवा की लड़ाई, इंदल हरण के कई एपिसोड मिल जाएंगे जिनके आगे रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान वॉर फेल है। बस इसमें सावधानी इतनी रखी जाती थी कि वर महोदय को इस युद्ध में पार्टिसिपेट करने का मौका नहीं मिलता था।
मामला इतना समकालीन हो जाता है कि इंदल हरण में राजकुमारी चित्रलेखा बिना पासपोर्ट के सीधे बलख बुखारे से गढ़ बिठूर में गंगा किनारे आई थीं। युवा इंदल का अपहरण करके सीधे अपने घर ले गईं। आज के भूगोल के हिसाब से गूगल माई कहती हैं: ये दोनों मध्य एशिया के ऐतिहासिक शहर हैं। बलख, उत्तरी अफगानिस्तान में स्थित है और प्राचीन काल में बैक्ट्रिया के रूप में जाना जाता था। यह सिल्क रोड पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र था। बुखारा, उज़्बेकिस्तान में स्थित है और यह भी सिल्क रोड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।’
लब्बोलुआब यह है कि नाटक-नौटंकी और वीररस प्रधानता भारतीय परंपरा में ऐसा रचा बसा है कि ब्रजबाला होली के रास में हुरियारों पर लाठी झाड़ने के बाद प्रेम से कहती है, लला फिर अइयो खेलन होरी। लला चोटें सहलाते हुए पुन: आने का वादा करते हैं। इसलिए जो रील, वायरल विडियो, शॉर्ट इत्यादि में प्यार और जूतम पैजार का कॉकटेल चल रहा है उसे प्रेम के साथ बिना अचकचाए ग्रहण कर लीजिए।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, बचपन में पढ़ा था। लेकिन मुझे भरोसा नहीं हुआ। बचपन से लेकर आज तक यही लगा कि हम लोग नाटक प्रधान देश हैं। केवल नाटक प्रधान ही नहीं वीर रस प्रधान भी हैं। इतना वीर रस प्रधान हैं कि प्रधानी का चुनाव तक बिना वीर रस के कंप्लीट नहीं होता।
आज से 50-60 साल पहले गांवों में नाटक, नौटंकी आता था। शादी ब्याह के सीजन में, फसल कटे तो उसके बाद, फसल बिके तो उसके बाद, तीज-त्योहार, चैत, सावन, कातिक मतलब हर सीजन में नाटक नौटंकी। उस नौटंकी में मेन होता था एक मुंशी, मुंशी मतलब आज का कॉमेडियन। गांव भर की जनता की आंख का तारा। उसकी एक-एक हरकत पर पब्लिक ‘मैं वारी वारी जाऊं’ हो जाती थी।
ऐसी ही एक नौटंकी में नाच हो रहा था, महफिल जमी थी कि मुंशी अचानक उखड़ गया। नौटंकी की चमकदार ड्रेस वहीं स्टेज पर उतार दी। एकदम लंगोट, बनियान में आ गया। चिल्लाने लगा, मैं जा रहा हूं, मुझसे नहीं होगा, इतनी बेज्जती बर्दाश्त नहीं, मेरा हिसाब कर दो वगैरह वगैरह। नौटंकी का मालिक मतलब आजकल का प्रड्यूसर आया। खूब हाथ-पैर जोड़े, पब्लिक भी सन्न। मस्त मजा चल रहा था, इसे क्या हो गया?
लेकिन मुंशी टस से मस न हो। माने ही न, पहले आधा गांव जुटा था, हल्ला सुनकर पूरा गांव जुट गया। जिसके दरवाजे नौटंकी आई थी आखिर में उसने पूछा, बात क्या है मुंशी? मुंशी ने आंखों में आंसू लाकर, भावुक होकर स्टेज के सामने बैठे एक बुढ़ऊ की ओर उंगली उठाकर कहा, ये ताऊ तब से हमारी नौटंकी की नचनिया को एकटक देख रहे हैं। हमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है... पूरा गांव हंस पड़ा। नौटंकी दोगुनी स्पीड़ से चालू हो गई। अब शॉर्ट, रील, OTT, वेब सीरीज, सीक्वल न जाने क्या-क्या हो रहा है, है सब नौटंकी ही।
वीर रस का तो ऐसा हाल था कि सुयोग्य वर खोजने से पहले वधू पक्ष अपनी सामरिक स्थिति मजबूत करता था। पड़ोसी राज्यों से संधि करता था कि फेरों से लेकर एटहोम तक अगर बवाल होता है तो हमारी तरफ से युद्ध कीजिएगा। वीर भोग्या वसुंधरा को चरितार्थ करने वाले बुंदेलखंड में आल्हा-उदल की कहानियों के चंद्रावल का डोला, आल्हा मनउआ, बेतवा की लड़ाई, इंदल हरण के कई एपिसोड मिल जाएंगे जिनके आगे रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान वॉर फेल है। बस इसमें सावधानी इतनी रखी जाती थी कि वर महोदय को इस युद्ध में पार्टिसिपेट करने का मौका नहीं मिलता था।
मामला इतना समकालीन हो जाता है कि इंदल हरण में राजकुमारी चित्रलेखा बिना पासपोर्ट के सीधे बलख बुखारे से गढ़ बिठूर में गंगा किनारे आई थीं। युवा इंदल का अपहरण करके सीधे अपने घर ले गईं। आज के भूगोल के हिसाब से गूगल माई कहती हैं: ये दोनों मध्य एशिया के ऐतिहासिक शहर हैं। बलख, उत्तरी अफगानिस्तान में स्थित है और प्राचीन काल में बैक्ट्रिया के रूप में जाना जाता था। यह सिल्क रोड पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र था। बुखारा, उज़्बेकिस्तान में स्थित है और यह भी सिल्क रोड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।’
लब्बोलुआब यह है कि नाटक-नौटंकी और वीररस प्रधानता भारतीय परंपरा में ऐसा रचा बसा है कि ब्रजबाला होली के रास में हुरियारों पर लाठी झाड़ने के बाद प्रेम से कहती है, लला फिर अइयो खेलन होरी। लला चोटें सहलाते हुए पुन: आने का वादा करते हैं। इसलिए जो रील, वायरल विडियो, शॉर्ट इत्यादि में प्यार और जूतम पैजार का कॉकटेल चल रहा है उसे प्रेम के साथ बिना अचकचाए ग्रहण कर लीजिए।
You may also like
भारत बनाम इंग्लैंड: जो 93 सालों में न हुआ था, वो लीड्स में हो गया
अगर पेट में बार-बार गैस बनती है, तो इन 2 चीजों से बना लें दूरी, वरना बढ़ेगी परेशानी!
अनूपपुर : अमरकंटक में जिले की शिल्प कला व संस्कृति की दिखेगी झलक, स्थानीय उत्पादों की बिक्री काे मिलेगा प्लेटफॉर्म
10 हजार पेड़ों की कटाई के मामले में मंडला कलेक्टर और एसपी ऑफिस के निर्माण पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक
ईरानी मिसाइल हमले से कांप उठा दोहा! मॉल में मची चीख-पुकार, महिलाएं-बच्चे बदहवास भागते दिखे – VIDEO VIRAL