नई दिल्ली: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के मसले पर जहां विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं वहीं एनडीए में शामिल दल के नेताओं को भी इसकी तपिश महसूस हो रही है। वोटर लिस्ट रिवीजन को सही बताते हुए भी एनडीए के नेता मान रहे हैं कि इसमें बहुत जल्दबाजी हुई है, इसके लिए कम से कम एक साल का वक्त दिया जाना चाहिए था ताकि किसी को कोई दिक्कत ना हो। चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिएराष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जो चुनाव आयोग कर रहा है इसमे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह सही है कि समय कम है। चुनाव आयोग को यह थोड़ा पहले करना चाहिए था और जो भी आशंका व्यक्त की जा रही है उन पर चुनाव आयोग को खुलकर बात करनी चाहिए और लोगों की आशंकाओं का जवाब देना चाहिए। स्वाभाविक रूप से थोड़ी परेशानी तो लोग महसूस कर रहे हैं। JDU मतदाताओं को करेगा जागरूकजेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने ये ड्यूटी तय की थी कि हर राजनीतिक दल बूथ लेवल एजेंट तय करे। मुझे ये बोलने में कोई हिचक नहीं है कि कोई भी राजनीतिक दल इसे 100 फीसदी अचीव नहीं कर पाया। ये संगठन के तौर पर हम सबकी असफलता है। हम पूरे बिहार में साइकिल जुलूस निकालेंगे और मतदाताओं को जागरूक करेंगे। चुनाव आयोग को यह गारंटी करनी चाहिए कि जो भी पात्र है वह वोटर के रूप में कायम रहे। चुनाव आयोग ने बहुत कम वक्त दिया-JDUहालांकि जेडीयू के दूसरे नेता नाम न छापने की शर्त पर ग्राउंड लेवल पर दिक्कत गिना रहे हैं। जेडीयू के एक नेता ने कहा कि चुनाव आयोग ने बहुत कम वक्त दिया है जिसकी वजह से लोगों में डर भी है और वे हैरान-परेशान हैं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन की शुरुआत दिल्ली या पश्चिम बंगाल या दूसरे राज्यों से करते जहां अभी चुनाव होने में वक्त है ताकि लोगों को पूरा टाइम मिल जाता। बिहार में चुनाव एकदम सामने खड़ा है और ऐसे में वोटर लिस्ट रिवीजन होने से लोगों में डर होना स्वाभाविक ही है। चुनाव आयोग ने अचानक फरमान जारी कर दियाएक दूसरे नेता ने कहा कि जब हम ग्राउंड में लोगों से बात कर रहे हैं तो दिहाड़ी मजदूर भी अपनी दिक्कत बता रहे हैं। अगर वे इस काम में अपने दो-तीन दिन भी लगाते हैं तो उनकी तो मजदूरी मारी जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कोई एक्सरसाइज नहीं की और फरमान निकाल दिया। हालांकि उन्होंने ये कहा कि हम सुनिश्चत कर रहे हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को कोई दिक्कत ना हो। सभी राजनीतिक दल के लोग इस काम में लगे हैं। हमारे सभी पार्टी कार्यकर्ता इसी काम में लगे हैं। हर बूथ पर पांच एक्टिव कार्यकर्ता हैं जो काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले ये करना सही फैसला नहीं है लेकिन वोटर लिस्ट रिवीजन अच्छा है और इसका फर्क दिखेगा।
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